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Health Tips: कोविड- 19 से जंग लड़कर अस्पताल से घर लौटे लोगों के लिए चौंकाने वाली खबर सामने आई है। नए शोध के अनुसार, कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों को ठीक होने के बाद ढाई साल तक मृत्यु और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा रहता है। ये बात 'इन्फेक्शियस डिजीजेज' पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में सामने आई, जिसमें फ्रांस के 64,000 लोगों पर अध्ययन किया गया।

शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को अपने स्वास्थ्य का अच्छे से ख्याल रखने की जरूरत है। पेरिस के बिचैट अस्पताल के संक्रामक रोग विशेषज्ञ और प्रमुख शोधकर्ता डॉ. सारा टुबियाना ने कहा कि यह शोध कोविड-19 के दूरगामी प्रभावों पर प्रकाश डालता है। हमारा शोध दर्शाता है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को महीनों और यहां तक ​​कि वर्षों तक गंभीर स्वास्थ्य खतरों का सामना करना पड़ सकता है।

इस शोध में जनवरी से अगस्त 2020 के बीच अस्पताल में भर्ती 63,990 लोगों को शामिल किया गया, जिनकी औसत आयु 65 वर्ष थी और 53.1% पुरुष थे। उनकी तुलना 3,19,891 सामान्य आबादी के साथ की गई, जो समान आयु और लिंग के थे, मगर कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती नहीं हुए थे। परिणामों से पता चला कि ठीक हुए कोविड रोगियों में मृत्यु दर सामान्य आबादी की तुलना में बहुत अधिक थी।

किन समस्याओं का सामना करना पड़ा रहा

इन रोगियों में अस्पताल में पुनः भर्ती होने, तंत्रिका संबंधी, मानसिक, हृदय संबंधी और श्वसन संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक पाया गया। यह जोखिम पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान था, सिवाय मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के, जहां महिलाएं अधिक जोखिम में थीं। 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में अंग-संबंधी बीमारियों के कारण अस्पताल में पुनः भर्ती होने की दर भी अधिक थी। शोध से यह भी पता चला है कि न्यूरोलॉजिकल, श्वसन, किडनी फेलियर और मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा अस्पताल से छुट्टी मिलने के 30 महीने बाद तक बना रहता है।