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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट में तीन बार कटौती की है, जिसका फ़ायदा निश्चित रूप से कर्ज़ लेने वालों (उधार लेने के इच्छुक लोगों) को हुआ है। लेकिन इसका एक और नतीजा यह हुआ है कि सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली सावधि जमा योजनाओं पर ब्याज दरें भी कम हो गई हैं। इससे कम जोखिम में अच्छा रिटर्न चाहने वाले निवेशकों में चिंता का माहौल है। ऐसे में, बाज़ार में उतार-चढ़ाव और बढ़ती सतर्कता के चलते डेट म्यूचुअल फंड एक अच्छा और सुरक्षित विकल्प बनकर उभर रहे हैं। ये फंड ख़ासकर उन लोगों के लिए फ़ायदेमंद हो सकते हैं जो बैंक एफडी से ज़्यादा रिटर्न चाहते हैं, लेकिन शेयर बाज़ार का ज़्यादा जोखिम नहीं उठाना चाहते।
डेट म्यूचुअल फंड क्या है
डेट फंड वे म्यूचुअल फंड होते हैं जो निवेशकों का पैसा सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट बॉन्ड, सावधि जमा और अन्य निश्चित आय वाले साधनों में निवेश करते हैं। इन फंडों का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को सुरक्षित और निश्चित रिटर्न प्रदान करना है। शेयर बाज़ार की तुलना में इनमें जोखिम बहुत कम होता है, क्योंकि ये फंड ऐसी जगहों पर निवेश करते हैं जहाँ इन्हें निश्चित ब्याज मिलता है।
डेट म्यूचुअल फंड किसके लिए फ़ायदेमंद हैं?
अगर आप अपनी बचत पर बैंक एफडी से ज़्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं, लेकिन शेयर बाज़ार के उतार-चढ़ाव का जोखिम नहीं उठाना चाहते, तो डेट फंड आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं। हालाँकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि डेट फंड पूरी तरह से जोखिम-मुक्त नहीं होते।
क्रेडिट जोखिम: अगर जिस कंपनी के बॉन्ड में आपने निवेश किया है, वह पैसा चुकाने में विफल रहती है (डिफ़ॉल्ट करती है), तो इससे आपके रिटर्न पर असर पड़ सकता है।
ब्याज दर जोखिम: अगर बाज़ार में ब्याज दरों में अचानक बदलाव होता है, तो फंड का प्रदर्शन भी प्रभावित हो सकता है।
इसलिए, निवेश करने से पहले फंड की क्रेडिट रेटिंग और पोर्टफोलियो (यानी फंड में किस तरह की प्रतिभूतियाँ हैं) को समझना ज़रूरी है।
डेट म्यूचुअल फंड के मुख्य प्रकार
डेट म्यूचुअल फंड कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें आप अपनी ज़रूरतों के अनुसार चुन सकते हैं।
लिक्विड फंड: ये फंड बहुत कम समय के लिए निवेश करते हैं और आपको तुरंत पैसा निकालने की सुविधा देते हैं। ये आपातकालीन फंड के लिए बेहतरीन हैं।
कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड: ये फंड कंपनियों द्वारा जारी बॉन्ड में निवेश करते हैं। ये अच्छे रिटर्न देते हैं, लेकिन कंपनी की क्रेडिट रेटिंग के आधार पर जोखिम भरे भी हो सकते हैं।
दीर्घकालिक डेट फंड: ये फंड उन निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे सकते हैं जो लंबी अवधि (जैसे, 3 साल से ज़्यादा) के लिए निवेश करने को तैयार हैं।
महत्वपूर्ण कर लाभ: अगर आप तीन साल से ज़्यादा समय के लिए डेट फंड में निवेश करते हैं, तो आपको इंडेक्सेशन का लाभ मिलता है। इससे आपका कर योग्य लाभ कम हो जाता है और आपको कम कर देना पड़ता है, जिससे यह एक कर-बचत विकल्प बन जाता है।
डेट म्यूचुअल फंड में कैसे निवेश करें?
डेट म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने के कुछ आसान तरीके हैं।
निवेश का उद्देश्य तय करें: तय करें कि आप कितने समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और आपको कितना रिटर्न मिलने की उम्मीद है।
केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें: म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए केवाईसी पूरी करना ज़रूरी है।
एसआईपी या एकमुश्त निवेश: आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा (एसआईपी) निवेश कर सकते हैं या एकमुश्त बड़ी रकम निवेश कर सकते हैं।
सही फंड चुनें: अपने लक्ष्यों के अनुसार लिक्विड फंड, कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड या लॉन्ग-टर्म डेट फंड में से सही फंड चुनें। इसके लिए किसी वित्तीय सलाहकार की मदद लेना फायदेमंद हो सकता है।
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