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Up Kiran, Digital Desk: केंद्र सरकार के प्रयासों से ईरान में फंसे युवक गुरप्रीत सिंह नाभा 14 दिन बाद अमृतसर अपने घर लौट आए। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बहुत आभारी हैं कि उनके प्रयासों से ईरान में फंसे पंजाब के युवक गुरप्रीत सिंह की सकुशल घर वापसी हुई। चुग ने कहा कि यह मामला बेहद संवेदनशील और भावनात्मक था क्योंकि गुरप्रीत का परिवार हर दिन चिंतित रहता था और जब उसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो परिवार वालों का दिल पसीज गया।

ईरान से लौटने के बाद गुरप्रीत ने खुद अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि शुरुआत में वह वैध तरीके से यूके जाने के लिए स्टडी या टूरिस्ट वीजा के लिए आवेदन कर रहे थे, लेकिन जब वीजा नहीं मिला तो कुछ एजेंटों ने उन्हें गलत रास्ता अपनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि इस तरह वह धोखेबाज एजेंटों (ट्रैवल एजेंट धोखाधड़ी) के जाल में फंस गए। गुरप्रीत के मुताबिक, उन्हें एक होटल के कमरे में बंद कर दिया गया और फिर 5 से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। जब परिवार ने पैसे नहीं भेजे, तो उसके साथ मारपीट की गई और जान से मारने की धमकी दी गई।

उसने बताया कि उसके फ़ोन कई बार काटे गए, उससे संपर्क तोड़ दिया गया और स्थानीय लोगों ने उसे प्रताड़ित भी किया। गुरप्रीत ने कहा, "दिन-रात डर के साये में गुज़रे, कभी-कभी तो ऐसा लगता था कि मैं कभी घर नहीं लौट पाऊँगा।" उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे किसी भी अवैध रास्ते या फ़र्ज़ी एजेंट पर भरोसा न करें, वरना नतीजे ख़तरनाक हो सकते हैं।

तरुण चुघ ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों, उच्चायोग की सतर्कता और विदेश मंत्रालय की त्वरित कार्रवाई से गुरप्रीत को बचाकर वापस लाया गया। चुघ ने कहा, "ऐसे मामलों में सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया और कूटनीतिक कदम बेहद अहम होते हैं। आज परिवार को मिली राहत के लिए हम प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के आभारी हैं।"

परिवार ने केंद्र सरकार का आभार जताया

गुरप्रीत के पिता बलकार सिंह ने भी सरकार और सभी नेताओं का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने 14 दिनों तक ईरान में बहुत कष्ट सहे, लेकिन आज वह सकुशल घर लौट आया। यह हमारे लिए सबसे बड़ी खुशी है।