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Up Kiran, Digital Desk:गरीब परिवारों के लिए सरकार की बड़ी पहल: मुफ्त अनाज योजना से 81 करोड़ लोगों को राहत
देश के करोड़ों परिवारों के लिए रसोई का चूल्हा जलना अब थोड़ा आसान हुआ है। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को हर महीने मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। यह योजना दर्शाती है कि भारत में खाद्य सुरक्षा को लेकर सरकार किस स्तर पर गंभीर है।
कानूनी आधार कैसे पड़ा
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम सबसे पहले 5 जुलाई 2013 को संसद में पेश किया गया था और 10 सितंबर 2013 से यह कानून लागू होने लगा। इसके तहत प्रारंभिक व्यवस्था में लोगों को गेहूं दो रुपये किलो और चावल तीन रुपये किलो की दर से उपलब्ध कराया जाता था। नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद इन रियायती दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। इसके विपरीत साल 2023 से गेहूं और चावल पूरी तरह मुफ्त कर दिए गए।
महामारी के दौरान बना सहारा
कोरोना काल ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया था। लॉकडाउन से लाखों लोग नौकरी और रोज़गार खो बैठे थे। इसी मुश्किल दौर में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की। शुरुआत में एनएफएसए के सब्सिडी वाले राशन के अलावा प्रत्येक लाभार्थी को अतिरिक्त 5 किलो मुफ्त अनाज मिल रहा था। यानी एक ही समय में लोगों को सस्ता भी मिल रहा था और मुफ्त भी। वर्ष 2023 में दोनों व्यवस्थाओं को मिलाकर इसे पूरी तरह मुफ्त कर दिया गया। अब इस कार्यक्रम के तहत लगभग 80 करोड़ लोगों को हर महीने 5 किलो चावल या गेहूं मिलने लगा, जो देश की सबसे बड़ी राहत योजनाओं में से एक बनी।
योजना की मौजूदा स्थिति
महामारी का संकट खत्म होने के बाद यह आशंका थी कि कहीं योजना बंद न कर दी जाए। लेकिन केंद्र ने इसे आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। जनवरी 2024 से इसे अप्रैल 2028 तक बढ़ा दिया गया है। सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार इस दौरान करीब 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिलता रहेगा। इसके लिए केंद्र ने 11 लाख 80 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट प्रावधान रखा है।
लाभार्थियों की तादाद लगभग वही
अगर कोविड काल की बात करें तो उस समय करीब 80 करोड़ नागरिक इस योजना का लाभ ले रहे थे। वर्तमान में यह संख्या 81 करोड़ तक पहुंच गई है। यानी एक करोड़ की मामूली वृद्धि जरूर हुई है लेकिन राहत का पैमाना लगभग जस का तस है।
किन्हें कितना अनाज
इस योजना के तहत अंत्योदय अन्न योजना वाले परिवारों को हर महीने 35 किलो अनाज मुफ्त में मिलता है। वहीं प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को प्रत्येक सदस्य के हिसाब से 5 किलो अनाज दिया जा रहा है। सरकारी रिपोर्ट और मीडिया आकलन के अनुसार दिसंबर 2024 तक करीब 80.6 करोड़ लोग इस सुविधा का प्रत्यक्ष लाभ उठा रहे थे।
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