मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक चौंकाने वाली घटना घटी है. दरअसल यहां प्रियंका गौंड बीते काफी सालों से अपने दिव्यांग पति की सेवा कर रही हैं। प्रियंका पिछले पांच साल से अपने विकलांग पति को अनुकंपा (compassion) पर नौकरी दिलाने के लिए अफसरों के चक्कर लगा रही है। प्रियंका का अपने पति के प्रति प्रेम समाज में एक मिसाल बन गईं है।
पत्नी प्रियंका का कहना है कि मैं ज्योति मौर्य नहीं हूं, जिसने अपने पति को छोड़ दिया। पति को हर हाल में अनुकंपा नियुक्ति दिलाने की कोशिश करूंगी।
शहर के परसानिया गांव की रहने वाली प्रियंका गौंड अब उन लोगों के लिए जीता जागता उदाहरण बन रही हैं जो पद मिलते ही अपने पतियों को छोड़ देते हैं। क्योंकि वह पांच साल से अपने पति को उठाकर अफसरों से बच रही है। प्रियंका अपने दिव्यांग पति के लिए नेताओं और अफसरों से गुहार लगा रही है. बीते कल को जब प्रियंका अपने पति के साथ जनसुनवाई में पहुंची तो वहां का नजारा देखकर हर कोई हैरान रह गया.
आपको बता दें कि प्रियंका के पति अंशुल गौंड का 2019 में एक्सीडेंट हो गया, जिसके बाद वह विकलांग हो गए। पति के मुताबिक, उनकी मां शिक्षा विभाग में शिक्षिका के पद पर कार्यरत थीं, मगर 2015 में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई. तब से आज तक मां की नौकरी के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई है।
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