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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपनी पत्नी उषा वेंस के हिंदू धर्म को लेकर की गई एक टिप्पणी के कारण विवादों में घिर गए हैं। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह इच्छा ज़ाहिर की कि वो उम्मीद करते हैं कि उनकी हिंदू पत्नी एक दिन ईसाई धर्म अपना लेंगी। इस बयान के बाद अमेरिका में, ख़ासकर भारतीय-अमेरिकी समुदाय में, तीखी बहस छिड़ गई है।

भारतीय-अमेरिकी सांसद (Congressman) राजा कृष्णमूर्ति ने वेंस के इस बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि यह अमेरिका में बढ़ रही "हिंदू-विरोधी भावना" को और हवा देने जैसा है।

क्या था जेडी वेंस का पूरा बयान?

यह पूरा विवाद मिसिसिपी विश्वविद्यालय में हुए एक कार्यक्रम से शुरू हुआ, जहाँ एक छात्र ने जेडी वेंस से उनकी इंटरफेथ मैरिज (अंतरधार्मिक विवाह) और बच्चों की परवरिश को लेकर सवाल पूछा।

इसके जवाब में वेंस ने कहा, मेरी पत्नी एक हिंदू परिवार में पली-बढ़ी हैं, हालांकि उनका परिवार बहुत ज़्यादा धार्मिक नहीं रहा है। उन्होंने बताया कि जब वे दोनों मिले थे तो धर्म को ज़्यादा नहीं मानते थे, लेकिन बाद में उन्होंने (वेंस ने) कैथोलिक ईसाई धर्म अपना लिया।

वेंस ने आगे कहा, उषा ज़्यादातर रविवार मेरे साथ चर्च आती हैं... क्या मैं उम्मीद करता हूँ कि एक दिन वह भी उन्हीं चीज़ों से प्रभावित होंगी जिनसे मैं चर्च में प्रभावित हुआ? हाँ, मैं ईमानदारी से ऐसी इच्छा रखता हूँ, क्योंकि मैं ईसाई धर्म में विश्वास करता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि मेरी पत्नी भी इसे एक दिन उसी तरह देखेंगी।

हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो भी उन्हें कोई समस्या नहीं है क्योंकि ईश्वर सबको अपनी इच्छा से चुनने की आज़ादी देता है। वेंस ने बताया कि उन्होंने मिलकर अपने बच्चों को ईसाई धर्म के अनुसार पालने का फैसला किया है।

भारतीय-अमेरिकी सांसद ने क्यों जताई आपत्ति?

सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने वेंस के इस बयान पर गहरी निराशा व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "एक ऐसे समय में जब हिंदू और भारतीय-अमेरिकी समुदाय बढ़ते हुए पूर्वाग्रह, बड़े पैमाने पर निर्वासन (deportations) की बातों और बढ़ती हिंदू-विरोधी भावना का सामना कर रहा है, तब उपराष्ट्रपति का यह बयान बेहद निराशाजनक है।

कृष्णमूर्ति ने कहा कि वेंस की यह टिप्पणी नफ़रत के माहौल को और बढ़ाएगी। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि उपराष्ट्रपति को समुदायों को एकजुट करना चाहिए, न कि आस्था के नाम पर सूक्ष्म तरीके से उन्हें बाँटना चाहिए।

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

जेडी वेंस के इस बयान पर सोशल मीडिया पर भी तीव्र प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे उनकी व्यक्तिगत धार्मिक आस्था और इच्छा बताकर उनका बचाव कर रहे हैं, वहीं आलोचकों का कहना है कि एक सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी के धर्म को सार्वजनिक रूप से कमतर आंकना और उसके धर्म परिवर्तन की इच्छा रखना असंवेदनशील है।

बाद में, आलोचनाओं का जवाब देते हुए जेडी वेंस ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी की धर्म बदलने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, वह ईसाई नहीं हैं और न ही उनका धर्म बदलने का कोई इरादा है।