बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रस्तावित SIR (Special Investigation Report) योजना को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना CAA-NRC जैसी ही है और इससे गरीब, मुस्लिम, दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को नागरिकता साबित करने में दिक्कत आ सकती है।
ओवैसी ने कहा कि अगर सरकार हर व्यक्ति से उसकी नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज मांगेगी, तो देश के लाखों लोग ऐसे हैं जिनके पास जरूरी कागज़ नहीं हैं। उन्होंने सवाल किया कि अगर कोई गरीब आदमी या महिला जो गांव में रहती है, जिसके पास ना तो जन्म प्रमाण पत्र है, ना ही जमीन के कागज़ हैं, तो क्या वो अपनी नागरिकता खो देंगे?
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार पहले ही CAA और NRC जैसे विवादित कानून लेकर आई है, जिससे लोगों में डर और भ्रम फैला है। अब बिहार सरकार की ये SIR योजना भी उसी दिशा में एक और कदम है। उन्होंने नीतीश कुमार से सवाल पूछा कि जब बिहार में गरीबी, बेरोजगारी और शिक्षा जैसी बड़ी समस्याएं हैं, तो सरकार को इस तरह की योजना लाने की क्या ज़रूरत है?
ओवैसी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस योजना को लागू किया तो इसका विरोध पूरे देश में होगा। उन्होंने कहा कि संविधान ने हर भारतीय को नागरिकता का अधिकार दिया है, और किसी को भी इसे साबित करने के लिए मजबूर करना अनुचित है।
ओवैसी का यह बयान अब राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। कई विपक्षी दलों ने भी इस योजना पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
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