
जब से डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभाला है, तब से कई अमेरिकी नीतियों में बड़े बदलाव हुए हैं। इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ रहा है जो अमेरिका में पढ़ाई और काम करना चाहते हैं। अमेरिका की आव्रजन नीति अब अधिक कठोर हो गई है, इसलिए अमेरिका आने वालों को हमेशा निर्वासन का खतरा बना रहेगा।
इनमें से एक नियम अब प्रकाश में आया है। इस नियम के तहत अब वीजा और आव्रजन से संबंधित निर्णय लेते समय सोशल मीडिया पर पोस्ट और टिप्पणियों पर भी विचार किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति, चाहे वह छात्र हो, काम के लिए आने वाला युवा हो या नागरिकता के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति हो, यहूदी विरोधी विचार व्यक्त करता है या किसी आतंकी संगठन का समर्थन करता है, तो उसे संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश से वंचित कर दिया जाएगा।
यूएससीआईएस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यदि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी विचार, इजरायल के प्रति घृणा या ऐसी कोई पोस्ट करता है, तो उसे बिना किसी नोटिस के कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, अगर कोई हमास या हौथी जैसे संगठनों का समर्थन करता है और उनकी गतिविधियों को उचित ठहराता है। तो उन्हें देश से बाहर निकालने की भी व्यवस्था की जाएगी।
ये नया नियम अब लागू हो गया है। यह नियम छात्र वीज़ा से लेकर ग्रीन कार्ड तक की आव्रजन प्रक्रियाओं को भी प्रभावित करेगा।