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Up Kiran, Digital Desk: हर माता-पिता का सपना होता है कि उनकी संतान न केवल स्वस्थ हो, बल्कि बुद्धिमान, संस्कारी और नेक दिल इंसान भी बने। हम अक्सर सोचते हैं कि बच्चों को अच्छे संस्कार हम उनके जन्म के बाद देंगे, लेकिन हमारी प्राचीन परंपरा और अब विज्ञान भी यह मानता है कि बच्चा अपनी माँ के गर्भ से ही सीखना शुरू कर देता है। इसे 'गर्भ संस्कार' भी कहा जाता है।

गर्भावस्था के नौ महीने एक बहुत ही नाजुक और खूबसूरत समय होता है। इस दौरान एक माँ जो कुछ भी महसूस करती है, सोचती है, खाती है या सुनती है, उसका सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। यह सिर्फ पत्नी की ही नहीं, बल्कि पति की भी ज़िम्मेदारी है कि वे मिलकर एक ऐसा माहौल तैयार करें, जो आने वाले बच्चे के लिए सबसे अच्छा हो।

तो चलिए, आज हम उन 5 ज़रूरी बातों के बारे में जानते हैं, जिन्हें हर पति-पत्नी को इस ख़ास समय में अपनाना चाहिए।

1. घर का माहौल हमेशा खुशनुमा रखें

गर्भवती महिला का खुश रहना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। जब माँ खुश रहती है, तो उसके शरीर में अच्छे हॉर्मोन्स बनते हैं, जो बच्चे के विकास पर बहुत अच्छा असर डालते हैं।

2. जैसा अन्न, वैसा मन और तन

इस दौरान आप जो भोजन करते हैं, वह सिर्फ आपका पेट नहीं भरता, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे का शरीर और व्यक्तित्व भी बनाता है।

3. मंत्रों और अच्छी बातों का साथ

शब्दों और ध्वनियों में एक अद्भुत शक्ति होती है। गर्भावस्था के दौरान मंत्रों का जाप करना या सुनना माँ और बच्चे, दोनों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

4. पति का प्यार और साथ सबसे बड़ी ताकत

इस यात्रा में पति की भूमिका सबसे अहम होती है। पत्नी शारीरिक और भावनात्मक रूप से कई बदलावों से गुज़र रही होती है, और इस समय उसे आपके साथ की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है।

5. कमरे में लगाएं मन को भाने वाली तस्वीरें

गर्भवती महिला जिन चीज़ों को बार-बार देखती है, उसका असर भी उसके मन और बच्चे पर पड़ता है।

ये कोई कर्मकांड या अंधविश्वास नहीं, बल्कि हज़ारों साल पुरानी वो wisdom है, जो एक स्वस्थ और सुंदर पीढ़ी के निर्माण की नींव रखती है। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपनी गर्भावस्था की यात्रा को और भी यादगार बना सकते हैं।