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काशीपुर में एक युवक की हत्या ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि रिश्तों में जब भरोसा टूटता है तो उसका अंजाम कितना खतरनाक हो सकता है। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें से एक मृतक का सगा रिश्तेदार है।

साजिश के तहत हत्या, हादसे का रूप देने की कोशिश

4 सितंबर को सड़क किनारे मिले युवक के शव को शुरुआत में एक हादसा माना गया था। लेकिन जब जांच आगे बढ़ी तो मामला पूरी तरह बदल गया। जांच के दौरान यह सामने आया कि मृतक सचिन की हत्या उसके निजी संबंधों को लेकर की गई थी। इस साजिश में सचिन का साला सोनू वर्मा और उसका जीजा जसप्रीत सिंह शामिल थे, जिन्होंने उसे योजनाबद्ध तरीके से पुल के पास बुलाया और गोली मार दी।

हत्या के बाद दोनों ने इसे सड़क हादसा दिखाने का प्रयास किया, ताकि पुलिस को भ्रमित किया जा सके। लेकिन तकनीकी जांच ने इनकी चालाकी बेनकाब कर दी।

सीसीटीवी और फोरेंसिक जांच ने खोला राज

पुलिस ने 450 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और मोबाइल डेटा का विश्लेषण किया। इसके साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के सिर में छर्रे मिलने से यह स्पष्ट हो गया कि यह कोई सड़क दुर्घटना नहीं बल्कि गोली मारकर की गई हत्या थी।

अपराधों का पुराना चेहरा निकला जीजा

गिरफ्तार आरोपी जसप्रीत सिंह का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है। वह पहले भी हत्या के प्रयास, लूट, गैंगस्टर एक्ट और दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में नामजद रहा है। उसका साथ देने वाला सोनू, जो मृतक का साला है, अब कानून की गिरफ्त में है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

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