
पाकिस्तान में इमरान खान को दोबारा जेल भेजने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। पाकिस्तान के गृहमंत्री ने कहा है कि इमरान पर मिलिट्री कोर्ट में मुकदमा चलेगा और उन का नौ मई की हिंसा में हाथ होने के सबूत हैं।
पाकिस्तान के गृहमंत्री के इस ऐलान के थोड़ी देर बाद वहाँ के स्वास्थ्य मंत्री आए और उन्होंने इमरान खान की दिमागी हालत पर सवाल उठाकर धमाका कर दिया।
इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ यानि कि पी पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने शुक्रवार को सरकार से तत्काल बातचीत की अपील की।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इमरान ने यह अपील तब की जब पिछले कई दिनों से शहबाज सरकार और आर्मी इमरान और उनके समर्थकों के पीछे हमलावर है।
कई दर्जनों पीटीआई के वरिष्ठ नेताओं ने सरकार के दबाव के बीच इमरान खान का साथ छोड़ दिया है। जबकि नौ मई को हुई हिंसक घटना के लिए बडी संख्या में पीटीआई समर्थकों को गिरफ्तार क्या जा चुका है।
पिछले कई दिनों से इमरान खान पाकिस्तान सरकार पर जमकर निशाना साध रहे थे। लेकिन अब तुरंत बातचीत की मांग करने से सवाल खडे हो रहे हैं कि क्या उन्होंने शहबाज सरकार और आर्मी के खिलाफ घुटने टेक दिए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इमरान ने यूटूब पर लाइव टॉक में कहा है कि मैं बातचीत के लिए अपील करना चाहता हूँ क्योंकि वर्तमान में जो हो रहा है वह समाधान नहीं है। पाकिस्तान के दशकों में अपने सबसे आर्थिक संकट का सामना करने के कारण राजनीतिक अशांति और ज्यादा बिगड़ गई है। महंगाई रिकॉर्ड ऊंचाई पर थी, आर्थिक विकास कमजोर था और पाकिस्तान को कर्ज देने में आनाकानी कर रहा है।
इसी बीच इमरान खान और पाकिस्तान सरकार के बीच विवाद बढता चला गया और कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी कर ली। इसके बाद कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर पीटीआई के समर्थकों ने हमला बोल दिया था। इसी बीच पीटीआई के तीन नेताओं ने इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ने की घोषणा की।
मल्लिका बुखारी ने इस्लामाबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा की मैं नौ मई को हुई घटनाओं की निंदा करती हूँ। हर पाकिस्तानी के लिए नौ मई को हुई घटनाएं बहुत दर्दनाक है। पार्टी से अलग होने की घोषणा करते हुए बुखारी ने कहा कि किसी दबाव में नहीं थी और साथ ही कहा कि किसी ने मुझे यह निर्णय लेने के लिए बाध्य नहीं किया।
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