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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25% टैरिफ ( tariffs) का भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ना तय है। संसद को मंगलवार को दी गई जानकारी के अनुसार, इस फैसले से भारत के अमेरिका को होने वाले लगभग 48.2 बिलियन डॉलर के माल निर्यात (merchandise export) पर अतिरिक्त शुल्क लगने की आशंका है।

7 अगस्त से लागू, 27 अगस्त से और बढ़ेंगी मुश्किलें

यह ध्यान देने योग्य है कि अमेरिका ने 7 अगस्त से भारत से निर्यात होने वाली कुछ वस्तुओं पर 25% का पारस्पर (reciprocal) टैरिफ लगाया है। इसके अतिरिक्त, 27 अगस्त से भारत से निर्यात होने वाली कुछ अन्य वस्तुओं पर भी 25% की अतिरिक्त शुल्क दर लागू की गई है।

वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितेंद्र प्रसाद का बयान

वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितेंद्र प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया, "सरकार ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ पर ध्यान दिया है। अनुमान है कि अमेरिका को होने वाले भारत के कुल माल निर्यात (2024 व्यापार मूल्य के आधार पर) का लगभग $48.2 बिलियन इन अतिरिक्त टैरिफ के अधीन होगा।"

उन्होंने आगे कहा कि सरकार देश के राष्ट्रीय हित को सुरक्षित करने और बढ़ावा देने, साथ ही हमारे किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों, MSMEs और उद्योग के सभी वर्गों के कल्याण की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार "व्यापार पर प्रभाव को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी, जिसमें उचित निर्यात प्रोत्साहन और व्यापार विविधीकरण उपाय शामिल हैं।"

55% निर्यात पर लगेगा 25% का पहला टैरिफ

यह अनुमान लगाया गया है कि अमेरिका को भारत के कुल माल निर्यात मूल्य का लगभग 55% पहले 25% अमेरिकी पारस्पर टैरिफ के दायरे में आएगा।

फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स पर अभी कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं

फिलहाल, फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में भारतीय निर्यात पर अमेरिका द्वारा कोई अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगाया गया है।

टैरिफ का प्रभाव: मांग, गुणवत्ता और अनुबंधों पर निर्भर

मंत्री के अनुसार, विभिन्न कारकों का संयोजन, जैसे उत्पाद विभेदन (product differentiation), मांग, गुणवत्ता और संविदात्मक व्यवस्था (contractual arrangements), भारत के निर्यात पर पारस्पर टैरिफ के प्रभाव को निर्धारित करेगा, जिसमें कपड़ा क्षेत्र भी शामिल है।

यह स्थिति भारत के लिए एक चुनौती पेश करती है, और सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे कि इन शुल्कों का देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव कम से कम हो।

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