img

भारत ने बांग्लादेश से एक खास प्रोडक्ट के आयात पर नई और सख्त शर्तें लगाकर एक बड़ा कदम उठाया है, जिससे बांग्लादेश की चिंता बढ़ गई है और चीन को भी अप्रत्यक्ष झटका लगा है। यह फैसला खासकर बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की कंपनी पर असर डाल सकता है, जो लंबे समय से भारत को यह उत्पाद सप्लाई कर रही थी।

क्या है मामला?

भारत सरकार ने बांग्लादेश से आयात होने वाले सोलर पैनल्स और उससे जुड़े उपकरणों पर एक नई गुणवत्ता जांच की शर्त लगा दी है। अब ये उत्पाद तभी भारत में आ सकेंगे, जब वे भारत के ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) की सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को पास करेंगे। यह नियम 2025 की शुरुआत से लागू होगा। इसका असर बांग्लादेश की उन कंपनियों पर पड़ेगा जो अब तक बिना इस मान्यता के सामान भेज रही थीं।

क्यों बढ़ी यूनुस की चिंता?

मुहम्मद यूनुस की कंपनी "ग्रामीन शक्ति" सौर ऊर्जा क्षेत्र में काम करती है और भारत को उपकरण सप्लाई करती है। लेकिन नई शर्तों के बाद बिना BIS सर्टिफिकेट के व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा। इससे यूनुस की कंपनी की बिक्री पर सीधा असर पड़ सकता है।

क्या है चीन का कनेक्शन?

बांग्लादेश के सोलर उद्योग में चीन की गहरी हिस्सेदारी है। वहां के कई उपकरण चीनी तकनीक से बनते हैं। ऐसे में भारत की यह शर्त न सिर्फ बांग्लादेश को प्रभावित कर रही है, बल्कि चीन की सौर मार्केट रणनीति को भी झटका देती है।

भारत का उद्देश्य क्या है?

भारत का मकसद घरेलू उद्योग को बढ़ावा देना और गुणवत्ता नियंत्रण बनाए रखना है। यह फैसला "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" योजना को भी मजबूती देता है।

 

--Advertisement--