Up Kiran, Digital Desk: मेक्सिको ने हाल ही में चुनिंदा भारतीय उत्पादों पर 50% तक शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया है, जिससे भारत में निर्यातकों के बीच चिंता का माहौल बन गया है। भारतीय सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने निर्यातकों के हितों की रक्षा करने के लिए “उचित कदम” उठाने का अधिकार सुरक्षित रखती है। साथ ही, यह भी कहा गया कि दोनों देशों के बीच रचनात्मक संवाद के जरिए इस मुद्दे का हल तलाशने की कोशिश जारी रहेगी।
मुक्त व्यापार समझौते की संभावना पर विचार
दूसरी ओर, दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर चर्चा भी चल रही है, जिससे भविष्य में व्यापार संबंधों को मजबूत बनाने के उपायों पर विचार किया जा रहा है। खबरों के अनुसार, इस समय दोनों देश इस दिशा में विचार कर रहे हैं ताकि व्यापारिक विवादों से बचा जा सके और दोनों देशों को लाभ पहुंचे।
भारत और मेक्सिको के बीच बातचीत जारी
मेक्सिको द्वारा शुल्क वृद्धि की घोषणा के बाद से ही भारतीय वाणिज्य विभाग इस मामले को सुलझाने के लिए सक्रिय हो गया है। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि वे मेक्सिको के अर्थव्यवस्था मंत्रालय के साथ मिलकर वैश्विक व्यापार नियमों के अनुसार समाधान खोजने का प्रयास कर रहे हैं। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल और मेक्सिको के अर्थव्यवस्था उप मंत्री लुइस रोसेंडो के बीच उच्चस्तरीय बैठक हो चुकी है, और इस मुद्दे पर आगे की चर्चा के लिए अन्य बैठकें आयोजित करने की योजना है।
शुल्क वृद्धि का असर
मेक्सिको द्वारा प्रस्तावित 50% शुल्क वृद्धि 1 जनवरी 2026 से लागू होगी। यह कदम मेक्सिको के घरेलू उद्योगों को संरक्षण देने के उद्देश्य से उठाया गया है। शुल्क वृद्धि का असर कई उत्पादों पर पड़ेगा, जिनमें ऑटो पार्ट्स, हल्की कारें, कपड़े, प्लास्टिक, स्टील, घरेलू उपकरण, खिलौने, वस्त्र, फर्नीचर, जूते, चमड़े के सामान, कागज, मोटरसाइकिल, एल्युमीनियम, ट्रेलर, कांच, साबुन, इत्र, और सौंदर्य प्रसाधन जैसे उत्पाद शामिल हैं।
भारत सहित दक्षिण कोरिया, चीन, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों पर भी इसका सीधा असर पड़ सकता है, जिनका मेक्सिको के साथ कोई मुक्त व्यापार समझौता नहीं है।
भारत-मेक्सिको व्यापार संबंधों में निरंतर सुधार की आवश्यकता
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि मेक्सिको के साथ व्यापार संबंधों में पारस्परिक सहयोग की भावना का पालन किया जाना चाहिए और एकतरफा शुल्क वृद्धि से वैश्विक व्यापार व्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। भारतीय अधिकारी इस मामले को बहुपक्षीय और पूर्वानुमान योग्य तरीके से हल करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।
साझेदारी पर जोर
भारत ने अपनी ओर से यह भी कहा है कि वह मेक्सिको के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत और संतुलित बनाए रखने के लिए तैयार है। सरकार का मानना है कि दोनों देशों के बीच एक स्थिर और लाभकारी व्यापारिक वातावरण से व्यापारिक विकास और उपभोक्ताओं को लाभ होगा।
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