img

Up Kiran, Digital Desk: दुनिया की सैन्य परंपरा सीधी है जीत का इनाम प्रमोशन, और हार पर जिम्मेदारी तय। मगर पाकिस्तान में यह नियम उल्टा चलता दिख रहा है। हालिया घटनाक्रम से यह साफ है कि वहां हार को भी 'सम्मान' का जामा पहनाया जा सकता है। और इस कहानी के केंद्र में हैं दो नाम जनरल आसिम मुनीर और भारत के जासूस प्रमुख तपन कुमार डेका।

पहलगाम की घाटी से शुरू हुई आग

कुछ हफ्ते पहले की बात है जब जम्मू-कश्मीर की खूबसूरत बैसरन घाटी खून से लाल हो गई। पाकिस्तानी दहशतगर्दों ने भारतीय पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर बेरहमी से हत्या की। इस हमले के पीछे था पाकिस्तान का आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर। भारत की ओर से जवाब में जो हुआ, उसने पाकिस्तान की रीढ़ हिला दी।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत का बदला, बिना चेतावनी

हमले के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। पहले ही फेज में नौ आतंकी ठिकानों को एरियल स्ट्राइक से तबाह कर दिया गया। इसमें न सिर्फ दहशतगर्दों का भारी नुकसान हुआ, बल्कि मसूद अजहर जैसे कुख्यात आतंकी के परिवार के सदस्य भी मारे गए।

मगर भारत यहीं नहीं रुका। पाकिस्तान की ओर से हुई मिसाइल और ड्रोन स्ट्राइक को इंडियन एयर डिफेंस सिस्टम ने असफल कर दिया। इसके जवाब में भारत ने 11 सैन्य बेस को निशाना बनाकर पाकिस्तान को भारी सैन्य नुकसान पहुंचाया।

और जनरल मुनीर को मिल गया प्रमोशन

जहां भारत ने दहशतगर्दों और उनके आकाओं को करारा जवाब दिया, वहीं पाकिस्तान ने हार के बावजूद अपने आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल का दर्जा देकर दुनिया को हैरान कर दिया। इसे जनता की आंखों में धूल झोंकने की सियासी चाल माना जा रहा है।

डेका को मिला लगातार दूसरा एक्सटेंशन

दूसरी तरफ भारत ने इस्लामाबाद को नई टेंशन देने वाला कदम उठाया। खुफिया एजेंसी IB के प्रमुख तपन कुमार डेका को फिर से एक साल का सेवा विस्तार दे दिया गया है। यह लगातार दूसरा एक्सटेंशन है, जो साफ संकेत देता है कि भारत अपनी रणनीतिक तैयारियों को और मजबूत कर रहा है।

कौन हैं तपन कुमार डेका

1988 बैच के आईपीएस अधिकारी डेका, हिमाचल प्रदेश कैडर से आते हैं। वह 2022 से इंटेलिजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर हैं और आतंकवाद, रेडिकलाइजेशन व पाकिस्तान मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर की प्लानिंग और एक्सेक्यूशन में उनकी भूमिका को बेहद अहम माना जा रहा है।

उनकी विशेषज्ञता को देखते हुए केंद्र सरकार ने अब उन्हें जून 2026 तक सेवा विस्तार दे दिया है। डेका का यह कार्यकाल भारत के लिए बेहद रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है।

भारत का स्पष्ट संदेश: अब कोई नरमी नहीं

ऑपरेशन सिंदूर ने साफ कर दिया कि भारत अब किसी आतंकी हमले को सिर्फ "निंदा" तक सीमित नहीं रखेगा। पाकिस्तान को न सिर्फ रणनीतिक बल्कि सैन्य स्तर पर भी करारा जवाब दिया जाएगा। साथ ही, भारत ने यह संकेत भी दे दिया है कि भविष्य में ऐसा कोई भी हमला "युद्ध की कार्रवाई" माना जाएगा।

--Advertisement--