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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के ऑफिस ऑफ फॉरेन एसेट्स कंट्रोल (OFAC) ने हाल ही में एक व्यापक मानव तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें भारत में जन्मे विक्रांत भारद्वाज और उनकी पत्नी इंदु रानी मुख्य साजिशकर्ता हैं। यह खुलासा इस बात पर रोशनी डालता है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय तस्करी गिरोह विदेशी नागरिकों को निशाना बनाकर अवैध प्रवास की सुविधा प्रदान करते हैं।

कैनकुन से संचालित हो रहा था वैश्विक नेटवर्क

इस गठित जाल का संचालन मेक्सिको के कैनकुन शहर से हो रहा था, जहां विक्रांत-इंदु एक भव्य जीवनशैली जी रहे थे। उनका नेटवर्क तीन देशों में फैला था, जिसमें भारत की कम से कम चार कंपनियां और 16 फ्रंट एजेंसियां शामिल थीं। ये संस्थाएं गिरोह की वित्तीय गतिविधियों को छुपाने का जरिया थीं। इस नेटवर्क ने अमेरिका में हजारों लोगों को अवैध तरीके से प्रवेश दिलाया, जिनमें अधिकांश विदेशी नागरिक थे।

तस्करी की प्रक्रिया और सुरक्षा तंत्र

प्रवासनियों को पहले मेक्सिको के कैनकुन एयरपोर्ट तक पहुंचाया जाता था, जहां एयरपोर्ट के कुछ अधिकारी भी इस सोची समझी संगठन में शामिल थे। इसके बाद इन्हें ऐसे होटलों में रखा जाता था, जो पूरी तरह से इस गिरोह के नियंत्रण में थे। तत्पश्चात, लक्जरी यॉट्स और कस्टम-निर्मित जमीनी रास्तों के जरिए इन्हें अमेरिका की सीमा तक पहुंचाया जाता था। यह योजना खासतौर पर उन ग्राहकों पर केंद्रित थी जो अमेरिका में प्रवेश के लिए भारी रकम खर्च करने को तैयार थे।

भारतीय कंपनियों का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के लिए

OFAC की रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि भारत में स्थापित रियल एस्टेट कंपनियां, जैसे वीणा शिवानी एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड, गैरकानूनी धन को सफेद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थीं। इसी तरह यूएई में स्थित ब्लैक गोल्ड प्लस एनर्जीज ट्रेडिंग एलएलसी ने भी इस नेटवर्क के लिए मनी लॉन्ड्रिंग की सेवा दी। इन कंपनियों की आड़ में अवैध धन को ऊर्जा और प्रॉपर्टी के कारोबार में छुपाया जा रहा था।

स्थानीय सहयोगी और मेक्सिको की भूमिका

स्थानिय अधिकारियों के मुताबिक, भारद्वाज जोड़े ने मेक्सिको में एक मजबूत सहयोगी समूह विकसित किया था। इसमें कैनकुन के व्यापारी जोसे जर्मन वलादेज फ्लोरेस और पूर्व पुलिस अधिकारी जॉर्ज अलेजांद्रो मेंडोजा विललेगास शामिल थे। गिरोह का मेक्सिको में मुख्यालय भी इस तरह व्यवस्थित था कि वह कानूनी कारोबारों, जैसे सुपरमार्केट, रेस्टोरेंट और ऊर्जा व्यापार के नाम पर छुपा हुआ था।

अमेरिकी प्रशासन की मुकम्मल कार्रवाई

अमेरिका के वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी जॉन के. हर्ली ने इस कार्रवाई को अवैध मानव तस्करी की जड़ को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। अमेरिकी सरकार ने विक्रांत और इंदु की सभी अमेरिकी संपत्तियां जब्त कर दी हैं और अमेरिकियों को उनके साथ कोई वित्तीय लेन-देन करने से रोक दिया है। अभी तक जाहिर तौर पर किसी गिरफ्तारी की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन यह कार्रवाई तीन देशों की एजेंसियों के सहयोग से जारी अभियान का हिस्सा है।