Indian culture: बीते चंद सालों में दुनिया के शहरी इलाकों में लिव-इन रिलेशनशिप का चलन काफी आम हो गया है। मगर, यह जानकर आपको हैरानी हो सकती है कि राजस्थान के एक गांव में गरासिया जनजाति के बीच लिव-इन रिलेशनशिप की ये प्रथा कई सदियों से चली आ रही है ।
इस जनजाति की महिलाएं तभी शादी करती हैं जब उनके बच्चे हो जाते हैं। उससे पहले, वह जब चाहे अपना लिव-इन पार्टनर बदल सकती हैं।
और तो और महिलाओं का दर्जा पुरुषों से कहीं ज्यादा ऊंचा है। इस जनजाति में महिलाएं खुद तय करती हैं कि वह किसके साथ अपना जीवन बिताना चाहती हैं।
गरासिया महिलाएं अपने पति का चुनाव सालाना गौर मेले से करती हैं। महिला जो भी साथी चुनती है, वह उसके साथ चला जाता है। जब साथी महिला के घर पहुंचता है, तो उसका परिवार महिला के परिवार को कुछ पैसे देता है।
इस वार्षिक मेले में महिलाएं हर साल अपने साथी बदल सकती हैं। महिला अपने साथी से तभी शादी करती है और घर बसाती है जब वह अपने बच्चे को जन्म दे देती है।
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