img

Up Kiran, Digital Desk: एक ऐसा देश जहाँ आज तक कभी ट्रेन की सीटी नहीं गूंजी. लेकिन अब जल्द ही वहाँ भी पटरियां बिछने वाली हैं, और यह सपना सच कर रहा है भारत. जी हाँ, केंद्र सरकार ने एक बहुत बड़े और ऐतिहासिक प्रोजेक्ट का ऐलान किया है, जिसके तहत पहली बार भूटान को भारत के विशाल रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा.

यह कदम सिर्फ दो देशों के बीच सफ़र को आसान नहीं बनाएगा, बल्कि पूर्वी हिमालय के इस पूरे इलाके में व्यापार और कनेक्टिविटी की तस्वीर हमेशा के लिए बदल देगा. यह फैसला एक ऐसे समय में आया है जब इस क्षेत्र में चीन का दखल भी लगातार बढ़ रहा है.

कौन सी हैं वो दो रेलवे लाइनें?

इस बड़े प्रोजेक्ट में दो रेलवे लिंक बनाए जाएँगे:

कोकराझार (असम) से गेलेफू (भूटान): यह 69 किलोमीटर लंबा ट्रैक होगा, जिस पर करीब 3,456 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

बनारहाट (पश्चिम बंगाल) से सम्त्से (भूटान): यह 20 किलोमीटर का छोटा लिंक होगा, जिसे बनाने में लगभग 577 करोड़ रुपये लगेंगे.

20 साल पुराना सपना हुआ सच

आपको जानकर हैरानी होगी कि इस सपने की नींव आज से लगभग 20 साल पहले ही रख दी गई थी. 25 जनवरी 2005 को भारत और भूटान के बीच पाँच संभावित रेलवे लाइनों को लेकर एक समझौता हुआ था. इतने सालों के इंतजार के बाद अब जाकर यह योजना धरातल पर उतर रही है.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मिलकर इस प्रोजेक्ट का ऐलान किया. इसके बाद रेलवे बोर्ड और भूटानी विदेश सचिव के बीच औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर भी हो गए, जिसने इस दोस्ती की पटरी को और मज़बूत कर दिया है.

भूटान के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है, क्योंकि यह देश का पहला रेलवे लिंक होगा. वहीं भारत के लिए यह दोस्ती के साथ-साथ एक बड़ा रणनीतिक कदम भी है