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काफी वक्त से भारत और चीन विवाद चर्चा में है। खबरों की मानें तो दोनों ही मुल्कों के रिश्ते बहुत टाइम से कुछ अच्छे नहीं चल रहे हैं। रहा सवाल चीन का तो अपनी विस्तारवादी नीतियों के कारण चीन दुनिया की आंखों में अब खटकने लगा है। चीन कभी साउथ चाइना सी पर दावा ठोक रहा है तो कभी ताइवान को लेकर दूसरे मुल्कों से मुकाबला कर लेता है।

चीन और ताइवान विवाद इन दिनों चर्चा में हैं। ऐसे में मोदी सरकार ने एक ऐसा मास्टरस्ट्रोक चल दिया है जिससे कि चीन को मिर्ची लगने वाली है। चीन की नजरें ताइवान के लिए टेढ़ी है तो वहीं भारत ने ताइवान से मित्रता का हाथ बढ़ाया है।

जानकारी के अनुसार, भारत ताइवान से करीबी बढ़ाने की राह पर अगले महीने की शुरुआत तक वहां 1 लाख वर्कर्स को भेजने जा रहा है। भारत के इस कदम से चीन का पारा बढ़ने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। अफसरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ताइवान कारखानों, खेतों और अस्पतालों में कार्य करने के लिए 1 लाख से ज्यादा भारतीयों को नौकरी पर रख सकता है।

लोगों ने कहा कि दोनों पक्षों द्वारा दिसंबर की शुरुआत में रोजगार गतिशीलता समझौते पर मुहर लगने की उम्मीद है। ताइवान के बूढ़े होते समाज का मतलब है कि उसे ज्यादा वर्करों की जरुरत है। बता दें कि ताइवान और भारत की नजदीकियां बढ़ता देख ड्रैगन की नींद उड़ी हुई है। 

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