Up Kiran, Digital Desk: शतरंज की दुनिया में एक बड़ा नाम, भारत के युवा ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंद ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। उन्होंने मौजूदा विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराकर इतिहास रच दिया है। 16 साल के प्रज्ञानानंद ने ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट 'एयरथिंग्स मास्टर्स' में यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि मैग्नस कार्लसन को हराना किसी भी शतरंज खिलाड़ी के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है, खासकर जब वह अपनी फॉर्म में हों। कार्लसन को अपनी गलतियों के लिए बहुत कम जाना जाता है, लेकिन इस मैच में उन्होंने एक बड़ी चूक की, जिसका फायदा प्रज्ञानानंद ने बखूबी उठाया और उन्हें जीत की ओर ले गए।
इस जीत के साथ प्रज्ञानानंद, महान विश्वनाथन आनंद के बाद, विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। यह भारतीय शतरंज के लिए एक मील का पत्थर है और यह दर्शाता है कि भारत में युवा प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है।
प्रज्ञानानंद बचपन से ही शतरंज की दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। उन्हें भारत के उभरते हुए शतरंज सितारों में से एक माना जाता है। उनकी यह जीत निश्चित रूप से उनके करियर को एक नई ऊंचाई देगी और उन्हें भविष्य में और भी बड़े मुकाम हासिल करने के लिए प्रेरित करेगी। उनकी यह ऐतिहासिक जीत भारतीय शतरंज के भविष्य के लिए एक उज्ज्वल संकेत है।
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