_1734074502.png)
Up Kiran, Digital Desk: हाल के दिनों में भारत में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है लेकिन इसका भारतीयों के सोने के प्रति आकर्षण पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। जुलाई महीने में डिजिटल गोल्ड की खरीदारी में 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन हुआ है जो यह दिखाता है कि महंगाई के बावजूद लोग सोने में निवेश करने के लिए तैयार हैं। यूपीआई के जरिए किया गया यह खर्च डिजिटल गोल्ड के बढ़ते रुझान को दर्शाता है और इसके अलावा किराना और सुपरमार्केट पर सबसे ज्यादा खर्च हुआ है जो 64882 करोड़ रुपये तक पहुंचा।
कहां हुआ अधिक खर्च?
यूपीआई भुगतान के आंकड़ों के अनुसार जुलाई में डिजिटल गेमिंग पर 10077 करोड़ रुपये का खर्च किया गया। इसके अलावा 93857 करोड़ रुपये का भुगतान कर्ज चुकाने के लिए किया गया। इसी तरह बिजली और पानी जैसी जरूरी सेवाओं पर औसतन 1345 रुपये प्रति बिल खर्च हुए जो दर्शाता है कि भारतीय अब अपने रोजमर्रा के खर्चों के लिए भी डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता दे रहे हैं।
डिजिटल गोल्ड की बढ़ती लोकप्रियता का कारण
डिजिटल गोल्ड भारतीयों के बीच इसलिए तेजी से लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि इसे खरीदना आसान है और इसमें स्टोरेज की कोई समस्या नहीं होती। अब लोग यूपीआई के माध्यम से छोटी-छोटी राशियों में सोना खरीद सकते हैं और बाद में इसे फिजिकल गोल्ड में बदल सकते हैं। खासतौर पर त्योहारों और शादी-ब्याह के सीजन में सोने की मांग में इजाफा होता है जिससे डिजिटल गोल्ड की खरीदारी में और बढ़ोतरी देखी जा रही है।
अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ा डिजिटल खर्च
जुलाई में डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल सिर्फ सोने और गेमिंग तक सीमित नहीं रहा। ई-कॉमर्स सरकारी सेवाओं टिकट बुकिंग सैलून और मूवी जैसी श्रेणियों में भी अच्छे खासे खर्च हुए हैं। उदाहरण के तौर पर सैलून पर ही लगभग 7 करोड़ रुपये खर्च हुए जहां एक ट्रांजैक्शन का औसतन 280 रुपये था।
डिजिटल पेमेंट की ओर बढ़ते कदम
इन आंकड़ों से यह साफ है कि भारतीयों का खर्च करने का तरीका तेजी से डिजिटल हो रहा है। महंगाई के बावजूद लोग अब डिजिटल पेमेंट के जरिए सोने में निवेश करने से लेकर दैनिक जीवन की जरूरतों तक के खर्चे आराम से कर रहे हैं। यूपीआई के माध्यम से खरीदारी का यह नया तरीका समाज के हर वर्ग के बीच तेजी से फैल रहा है और भविष्य में यह और भी बढ़ सकता है।
--Advertisement--