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12 दिन की सशस्त्र झड़प के बाद इजरायल और ईरान के बीच अमेरिका मध्यस्थता में युद्धविराम की घोषणा हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट (Truth Social) पर लिखा कि "सीजफायर अब प्रभावी है, कृपया इसका उल्लंघन न करें"  ।

इज़रायल ने हालांकि आरोप लगाया कि युद्धविराम लागू होने के बाद भी ईरान ने मिसाइलें दागीं। एक मिसाइल बीर्शेबा शहर में गिरी, जिसमें कम से कम चार नागरिक मारे गए—इजरायल के लिए यह सबसे घातक हमला माना गया  । इज़राईल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने चेताया कि अगर ऐसा जारी रहा, तो वे "कड़ी प्रतिक्रिया देंगे"  ।

ईरान की ओर से इसका प्रतिकार करते हुए विदेशी मंत्री अब्बास अराघची ने ट्रंप के Ceasefire दावे को खारिज कर दिया और कहा कि उन्होंने कोई औपचारिक समझौता नहीं किया है। अराघची का कहना है कि ईरान केवल तभी हमले रोकेगा जब इज़रायल अपनी कार्रवाई बंद करेगा  ।

इस बीच इज़रायल ने दावा किया कि उसने ईरानी मिसाइल लॉन्चर और कुछ सरकारी ठिकानों को निशाना बनाकर बड़ा हमला किया, जिसमें उच्च सैन्य और परमाणु विशेषज्ञ मारे गए  । अमेरिका और कतर ने संयुक्त रूप से इस युद्धविराम की मध्यस्थता की, लेकिन तनाव अभी भी बरकरार है  ।

ट्रंप ने इसे अपनी सबसे बड़ी कूटनीतिक सफलता बताया और कहा कि यह संघर्ष "12-दिनीय युद्ध" के बाद समाप्त हुआ है  । इज़राइल पर ईरानी मिसाइल हमलों से हुई मौतों की पुष्टि की गई और इसके चलते अमेरिकी बाजारों में भी हलचल दिखाई दी (तेल कमजोर, स्टॉक बढ़े)  ।

हालांकि युद्धविराम की संभावनाएं बनी हैं, लेकिन दोनों पक्षों के बीच विश्वास की कमी स्पष्ट है — इज़रायल लगातार निगरानी पर है और ईरान की सशर्त सहमति ने असमंजस बनाए रखा है।

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