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राजधानी के निवासियों ने इस जुलाई कुछ ऐसा अनुभव किया जो आमतौर पर दुर्लभ होता है अपेक्षाकृत साफ़ हवा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई 2025 में दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले दस वर्षों की तुलना में सबसे बेहतर रही। लेकिन इस सुधार के पीछे असल वजह क्या है बेहतर नीतियां या मौसम की मेहरबानी?

बारिश ने साफ की दिल्ली की फिजा

जुलाई में लगभग पूरे महीने हुई नियमित और जोरदार बारिश ने दिल्ली की हवा को कई स्तरों पर शुद्ध किया। 31 में से 23 दिनों में बारिश होने के चलते वायुमंडल में मौजूद प्रदूषक कण बह गए, जिससे हवा में पारदर्शिता बढ़ी और AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स गिरकर 79 तक पहुँच गया, जो "संतोषजनक" श्रेणी में आता है।

यह स्तर पिछले वर्षों की तुलना में काफी नीचे है — 2024 में यही औसत AQI 96 और 2023 में 83.67 था। CPCB की निगरानी के अनुसार, 2016 के 145.64 के उच्चतम जुलाई AQI के मुकाबले यह आंकड़ा उल्लेखनीय रूप से बेहतर है।

जनजीवन पर असर: सांस लेना हुआ आसान

हवा की इस बेहतरी का असर आम लोगों की दिनचर्या पर भी महसूस किया गया। खासकर बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के मरीजों ने राहत की सांस ली। पार्कों और खुली जगहों में टहलने वालों की संख्या बढ़ी और अस्पतालों में श्वास संबंधी बीमारियों की रिपोर्टिंग में भी कुछ गिरावट देखी गई।

सरकारी दावे बनाम वैज्ञानिक नजरिया

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने हवा में सुधार का श्रेय सरकार की बहु-स्तरीय कार्रवाई को दिया। उन्होंने इसे केवल मानसून की देन नहीं, बल्कि स्वच्छता अभियानों, लैंडफिल प्रबंधन और नीतिगत दृढ़ता का परिणाम बताया।

हालांकि पर्यावरण विशेषज्ञों का नजरिया कुछ अलग है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की अनुमिता रॉयचौधरी का कहना है कि यह सुधार अस्थायी है और मुख्य भूमिका मानसून की है, जिसने प्रदूषकों को धोकर हटा दिया। उन्होंने चेताया कि मानसून के दौरान प्राप्त आंकड़ों से स्थायी नीतिगत सुधारों का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता।

बारिश के आंकड़े क्या कहते हैं?

सफदरजंग मौसम केंद्र ने 30 जुलाई तक 220.2 मिमी बारिश दर्ज की, जो कि जुलाई की दीर्घकालिक औसत 209.7 मिमी से ऊपर है। दिन भर में हुई और बारिशों को मिलाकर यह आँकड़ा और बढ़ा। राजधानी के अन्य क्षेत्रों — पालम, पूसा और जनकपुरी — में भी लगातार हल्की से मध्यम बारिश होती रही, जिससे पूरे शहर का पर्यावरण कुछ दिन के लिए ही सही, पर सांस लेने लायक बना।

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