
Up Kiran, Digital Desk: आपके स्वास्थ्य के लिए एक स्वस्थ आंत (gut) अत्यंत महत्वपूर्ण है! पाचन (digestion), रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity), मूड (mood) और मेटाबॉलिज्म (metabolism) से लेकर, आपकी आंत का स्वास्थ्य (gut health) एक स्वस्थ जीवनशैली का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अक्सर लोग सोचते हैं कि सप्लीमेंट्स (supplements) का सेवन ही अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का सबसे अच्छा तरीका है, लेकिन सच्चाई यह है कि कई ऐसे आंत-अनुकूल मसाले और जड़ी-बूटियां (gut-friendly spices and herbs) हैं जो इससे भी बेहतर काम कर सकते हैं। सौभाग्य से, डॉ. सौरभ सेठी (Dr. Saurabh Sethi), जिन्हें 'गट डॉक्टर' (Gut Doctor) के नाम से जाना जाता है, ने उन जड़ी-बूटियों और मसालों की एक गुप्त सूची साझा की है जो आपकी आंत के लिए एक वरदान साबित हो सकते हैं।
ये आंत-अनुकूल मसाले और जड़ी-बूटियां आपके आहार में आसानी से शामिल की जा सकती हैं। बदलते मौसम में, अपनी आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जीवनशैली में महत्वपूर्ण बदलाव करने की सलाह दी जाती है। डॉ. सौरभ सेठी की सलाह से आप अपनी आंत के स्वास्थ्य को पूरी तरह से बदल सकते हैं और एक स्वस्थ व ऊर्जावान जीवन जी सकते हैं।
वे मसाले और जड़ी-बूटियां, जो आपकी आंत को सचमुच पसंद आती हैं:
आइए एक नजर डालते हैं उन मसालों और जड़ी-बूटियों पर, जो आपकी आंत के सबसे अच्छे दोस्त हैं:
हल्दी (Turmeric): आंतों का 'गोल्डन' दोस्त हल्दी निस्संदेह आंत के स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतरीन विकल्पों में से एक है। इसमें मौजूद सक्रिय यौगिक, कुर्कुमिन (curcumin), शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) और एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) प्रभाव रखता है। जब इसे काली मिर्च के साथ मिलाया जाता है, जो शरीर को इसे अवशोषित करने में मदद करती है, तो हल्दी माइक्रोबियल संतुलन (microbial balance) का समर्थन करती है और IBS (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम) और IBD (इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज) जैसी स्थितियों में मदद करती है। यह पेट की सूजन को कम करने और पाचन क्रिया को सुचारु बनाने में अहम भूमिका निभाती है।
अदरक (Ginger): पाचन का ‘सुपरहीरो’ अदरक मतली (nausea) को शांत करने और ऐंठन (cramps) से राहत दिलाने के लिए जाना जाता है। यह एक बेहतरीन पाचन सहायक (digestive aid) के रूप में कार्य करता है और शरीर में सूजन (inflammation) को कम करता है। लोग अक्सर पेट की परेशानी को दूर करने के लिए इसे आयुर्वेदिक चाय या व्यंजनों में उपयोग करते हैं। क्या यह अद्भुत अदरक की चाय पीने का सबसे अच्छा कारण नहीं है, जो आपके पेट को तुरंत राहत दे सकती है?
सौंफ (Fennel): भोजन के बाद की 'जादुई' सौंफ सौंफ भारतीय आहार का एक अभिन्न अंग है। इस जड़ी-बूटी में एंटीस्पास्मोडिक (antispasmodic) और कार्मिनेटिव (carminative) गुण होते हैं। सौंफ पेट की मांसपेशियों को आराम देने, सूजन (bloating) और गैस (gas) को कम करने और सुचारु पाचन (smoother digestion) को बढ़ावा देने में मदद करती है। आप भोजन के बाद इसके बीज चबा सकते हैं, या यदि आप चाहें, तो इसे चाय के रूप में भी पी सकते हैं। यह आपके पाचन तंत्र के लिए एक प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर और हीलर दोनों का काम करती है।
जीरा (Cumin): भारतीय रसोई का ‘पाचन गुरु’ जीरे के बिना भारतीय खाना बनाना सचमुच अधूरा है! जीरा पित्त उत्पादन (bile production) को बढ़ाता है और पाचन का समर्थन करता है। नियमित उपयोग से यह सूजन से राहत देता है और पोषक तत्वों के अवशोषण (nutrient absorption) में सुधार करता है। इतना ही नहीं, यह आयरन का भी एक अच्छा स्रोत है, जो आपके शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है। जीरा आपके पेट को शांत रखने और अपच से लड़ने में बेहद प्रभावी है।
धनिया (Coriander): लीवर और आंत का ‘रक्षक’ धनिया के बीज और पत्तियां पाचन में मदद करते हैं, सूजन को कम करते हैं, और लीवर और आंत के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। वे आपके पाचन तंत्र के लिए एक हल्के लेकिन प्रभावी सहयोगी हैं। धनिया आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है, जिससे आपकी आंत और लीवर दोनों स्वस्थ रहते हैं।
अजवाइन (Ajwain): गैस की ‘प्राकृतिक दवा’ अजवाइन आयुर्वेद में गैस (gas) और सूजन (bloating) से राहत दिलाने की अपनी मजबूत क्षमता के लिए अच्छी तरह से जानी जाती है। भोजन के बाद लेने या खाना पकाने में मिलाने पर यह अपच (indigestion) को कम करने में मदद करती है। इसके तेज गुण पेट की समस्याओं से तुरंत राहत दिलाते हैं और आपके पाचन को दुरुस्त रखते हैं।
काली मिर्च (Black pepper): काली मिर्च निश्चित रूप से आपके भोजन में स्वाद बढ़ाती है। इस मसाले में पाइपरिन (piperine) होता है। पाइपरिन पाचन को बढ़ावा देने और कुर्कुमिन जैसे प्रमुख पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने में सहायक है। यह आंत में एंजाइम गतिविधि (enzyme activity) को भी उत्तेजित करता है, जिससे भोजन का बेहतर तरीके से ब्रेकडाउन और पोषक तत्वों का उपयोग हो पाता है।
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