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Israel Hamas War: हमास चीफ याह्या सिनवार की हाल ही में हुई मृत्यु से आरंभ में बंधकों की रिहाई और गाजा में संभावित युद्ध विराम की आशा जगी थी। हालाँकि, दोनों पक्षों की ओर से आए ताज़ा बयानों से संकेत मिलता है कि संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है।

अपने सबसे खतरनाक दुश्मनों में से एक को खत्म करने के बावजूद इजरायल अपने बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने में सक्षम नहीं है। हमास और हिजबुल्लाह दोनों ही वर्तमान में नेतृत्व संकट से जूझ रहे हैं, जिसके चलते इजरायल को ये गलतफहमी हो रही है कि वह बिना किसी रियायत के बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत कर सकता है।

हमास ने साफ कर दिया है कि जब तक गाजा में लड़ाई बंद नहीं हो जाती, तब तक वह बंधकों को रिहा नहीं करेगा। कतर में रहने वाले हमास के एक अधिकारी खलील अल-हय्या ने एक रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश में कहा, "बंधकों को तब तक रिहा नहीं किया जाएगा... जब तक गाजा में हमारे लोगों के खिलाफ हमले बंद नहीं हो जाते।"

नेतन्याहू और हमास अपनी शर्तों पर अड़े

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सिनवार की मौत को हमास के लिए एक बड़ा झटका बताया। उन्होंने कहा कि अगर हमास के आतंकवादी सभी बंधकों को रिहा कर दें, तो उनकी जान बच सकती है। नेतन्याहू ने सोशल मीडिया पर हमास से आत्मसमर्पण करने की अपनी मांग दोहराई।

उन्होंने गाजा के लोगों को संदेश देते हुए कहा, "यह युद्ध कल ही खत्म हो सकता है, मगर तभी जब हमास अपने हथियार डाल दे और हमारे बंधकों को वापस कर दे।" संक्षेप में नेतन्याहू इस बात पर जोर देते हैं कि संघर्ष को रोकने पर विचार करने से पहले बंधकों को रिहा किया जाना चाहिए, जबकि हमास ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इजरायली हमले बंद होने तक किसी भी बंधक को रिहा नहीं किया जाएगा।

बंधकों की रिहाई आसान नहीं होगी

हमास प्रमुख सिनवार की मौत के बावजूद बातचीत ठप है। इस्माइल हनिया की मौत के बाद ऐसी उम्मीद थी कि सिनवार अधिक नरमी से बातचीत करेंगे, मगर ये साफ स्पष्ट है कि हमास बंधकों को आसानी से रिहा करने के लिए तैयार नहीं है, जैसा कि इजरायल और उसके सहयोगी उम्मीद कर रहे थे। अब, सिनवार की मौत के बाद स्थिति और भी भयानक हो गई है। 

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