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Up Kiran, Digital Desk: उम्र बस एक नंबर है... यह लाइन शायद दुनिया के महानतम टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच को देखकर ही लिखी गई होगी। 38 साल की उम्र में जहां ज्यादातर एथलीट अपने रैकेट टांगने की सोचते हैं, वहीं जोकोविच हैं कि हर दिन इतिहास की किताब में एक नया पन्ना जोड़ रहे हैं। यूएस ओपन 2025 में उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों उन्हें 'किंग ऑफ टेनिस' कहा जाता है।

जर्मनी के मजबूत खिलाड़ी जान-लेनार्ड स्ट्रफ के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में मिली जीत सिर्फ एक और जीत नहीं थी, बल्कि यह रिकॉर्ड्स का एक ऐसा तूफान था जिसने सबको हैरान कर दिया।

हर कदम पर एक नया रिकॉर्ड

ग्रैंड स्लैम का 'शहंशाह': यह उनकी किसी भी ग्रैंड स्लैम में 87वीं जीत थी, जिससे वह महान रोजर फेडरर के और करीब पहुंच गए हैं। यह दिखाता है कि बड़े मंचों पर उनसे बड़ा कोई खिलाड़ी नहीं है।

यूएस ओपन के 'बादशाह': यह यूएस ओपन में उनकी लगातार 21वीं जीत थी। न्यूयॉर्क के हार्ड कोर्ट पर उन्हें हराना लगभग नामुमकिन सा हो गया है।

क्वार्टर फाइनल के 'किंग': वह अपने करियर में 58वीं बार किसी ग्रैंड स्लैम के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे हैं। यह आंकड़ा इतना बड़ा है कि आज के दौर के कई बड़े खिलाड़ियों ने मिलकर भी इतने क्वार्टर फाइनल नहीं खेले होंगे।

जोकोविच को खेलते देखना सिर्फ एक टेनिस मैच देखना नहीं है, बल्कि यह इतिहास को अपनी आंखों से बनते हुए देखना है। उनकी फिटनेस, उनकी एकाग्रता और हर एक पॉइंट के लिए उनकी भूख उन्हें इस उम्र में भी बाकी सबसे अलग बनाती है। वह सिर्फ मैच नहीं जीत रहे हैं, वह हर मैच के साथ अपनी महानता की परिभाषा को और भी बड़ा करते जा रहे हैं।

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