
Up Kiran, Digital Desk: केरल से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो किसी भी इंसान को अंदर तक दहला सकती है। यहां 'ब्रेन-ईटिंग अमीबा' नाम के एक दुर्लभ और जानलेवा संक्रमण ने एक और जिंदगी छीन ली है। मलप्पुरम जिले के रहने वाले एक 16 साल के लड़के की इस खतरनाक संक्रमण के कारण मौत हो गई, जो इस महीने राज्य में इस बीमारी से होने वाली तीसरी मौत है।
यह कोई साइंस फिक्शन फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि एक कड़वी हकीकत है। यह संक्रमण इतना दुर्लभ है, लेकिन उतना ही ज्यादा खतरनाक भी है, क्योंकि इसमें जीवित रहने की दर लगभग शून्य के बराबर है।
क्या है यह 'ब्रेन-ईटिंग अमीबा'?
इस संक्रमण का वैज्ञानिक नाम प्राइमरी अमेबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) है, जो नेगलेरिया फाउलेरी नामक एक अमीबा (एक कोशिकीय जीव) के कारण होता है।
कहां पाया जाता है?: यह अमीबा आमतौर पर गर्म ताजे पानी जैसे झीलों, नदियों, तालाबों और यहां तक कि स्विमिंग पूल में भी पाया जाता है, जिनकी ठीक से सफाई नहीं होती।
कैसे करता है हमला?: जब कोई व्यक्ति ऐसे दूषित पानी में डुबकी लगाता है या तैरता है, तो यह अमीबा नाक के रास्ते शरीर में घुस जाता है। नाक से होते हुए यह सीधे दिमाग तक पहुंचता है और वहां के टिश्यू (ऊतकों) को खाना शुरू कर देता है, जिससे दिमाग में सूजन आ जाती है और व्यक्ति की मौत हो जाती है।
डॉक्टरों ने क्या कहा?
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि लड़के को 1 सितंबर को तेज बुखार और सिरदर्द के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में पता चला कि वह PAM से संक्रमित है। डॉक्टरों ने उसे बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन संक्रमण इतनी तेजी से फैला कि उसे बचाया नहीं जा सका। यह एक अत्यंत दुर्लभ संक्रमण है, लेकिन दुर्भाग्य से इस साल केरल में इसके कई मामले सामने आए हैं।
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