img

Up Kiran, Digital Desk: भारतीय वायुसेना ने बुधवार तड़के ऐसा प्रहार किया जिसकी गूंज सिर्फ नियंत्रण रेखा के पार नहीं बल्कि इस्लामाबाद की गलियों से लेकर रावलपिंडी की दीवारों तक सुनाई दी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 बड़े आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए जिसमें 90 से अधिक आतंकियों को ढेर कर दिया गया।

यह हमला न केवल सैन्य ताकत का प्रदर्शन था बल्कि ये संदेश भी था—अब सहनशक्ति की सीमा पार हो चुकी है।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की surgical strike 2.0

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का दंश भारत वर्षों से झेलता आ रहा है। मगर इस बार 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया। इसका जवाब केवल शब्दों से नहीं बल्कि एक ठोस और निर्णायक कार्रवाई से देना था।

और यही था ऑपरेशन सिंदूर

सुबह 3:40 बजे भारत ने मिराज और सुखोई विमानों से पीओके और पाकिस्तान की सीमा के भीतर 9 ठिकानों पर बारीकी से लक्षित हमले किए। सूत्रों के अनुसार इन ठिकानों पर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के आतंकी बड़ी संख्या में मौजूद थे।

पाकिस्तान की हालत खराब

इस हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू में बेहद नरमी दिखाते हुए कहा कि अगर भारत पीछे हटता है तो हम भी तनाव खत्म करने को तैयार हैं।

युद्धोन्माद से भरे देश में जब रक्षा मंत्री इस तरह के बयान दे तो समझा जा सकता है कि अंदरखाने कैसी खलबली मची है। ये वही देश है जो हर बार आतंकियों की ढाल बनता आया है और अब उसी देश के मंत्री शांति की अपील कर रहे हैं।

शाहबाज शरीफ की जवाबी धमकी

जहां एक ओर ख्वाजा आसिफ तनाव कम करने की बात कर रहे थे वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की कार्रवाई को "युद्ध का ऐलान" बताया।

उन्होंने कहा कि हमारी सेना दुश्मन को जवाब देना जानती है। पाकिस्तान इस हरकत का करारा जवाब देगा।

मगर यह बयान अब सिर्फ खोखली धमकियों की तरह लगने लगा है क्योंकि वास्तविकता में भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की सन्नाटा पसरी रणनीति सबके सामने है।

--Advertisement--