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Maanvi Madhu Kashyap: इस कठोर दुनिया में बाधाओं को तोड़ना वाकई एक बड़ी उपलब्धि है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें जीवन भर हीन भावना से देखा जाता है। ऐसी ही एक मिसाल हैं मानवी मधु कश्यप। बिहार के भागलपुर के एक छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने देश की पहली ट्रांसजेंडर सब-इंस्पेक्टर बनकर इतिहास रच दिया है।

बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग की 1275 सब-इंस्पेक्टर पदों के लिए भर्ती परीक्षा में उनकी शानदार उपलब्धि भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक मील का पत्थर है। इस परीक्षा में सफल होने वाले तीन ट्रांसजेंडर में से मानवी अकेली ट्रांसवुमन हैं, जबकि बाकी दो ट्रांसमैन हैं।

मानवी मधु कश्यप की स्टोरी

स्वर्गीय नरेंद्र प्रसाद सिंह और माला देवी के घर जन्मी मानवी हमेशा अपने परिवार में सबसे बड़ी रही हैं और उन पर कई जिम्मेदारियाँ हैं। अपने पिता के गुजर जाने के बावजूद वो अपने सपनों को पाने के लिए दृढ़ रहीं। मानवी की शिक्षा का सफर एसएस प्रायोजित हाई स्कूल पंजवारा से शुरू हुआ, सीएनडी कॉलेज में प्लस टू तक जारी रहा और 2018-21 सत्र में तिलका मांझी विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में डिग्री पूरी की।

उनकी कामयाबी का मार्ग चुनौतियों से भरा था, खासकर एक ट्रांसजेंडर महिला के रूप में उनकी पहचान के कारण। उन्हें कई बाधाओं और भेदभाव का सामना करना पड़ा, मगर उनका दृढ़ संकल्प कभी कम नहीं हुआ। मानवी अपने गुरु रहमान सर, रेशमा मैम, सुल्तान सर और अपने माता-पिता को उनके अटूट समर्थन का श्रेय देती हैं। उन्होंने सामाजिक बाधाओं को दूर करने और अपने लक्ष्य को हासिल करने में उनकी मदद करने में अहम भूमिका निभाई।

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