
Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान अचानक मौसम खराब होने और भूस्खलन के कारण सैकड़ों तीर्थयात्री फंस गए। हालांकि, भारतीय सेना ने तेजी से कार्रवाई करते हुए इन सभी फंसे हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बचा लिया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। यह घटना मुश्किल परिस्थितियों में सेना के त्वरित और प्रभावी बचाव कार्यों का एक और उदाहरण है।
हाल ही में कश्मीर घाटी में भारी बारिश हुई, जिसके कारण अमरनाथ यात्रा के मार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं हुईं। इससे यात्रा मार्ग अवरुद्ध हो गया और बड़ी संख्या में श्रद्धालु रास्ते में ही फंस गए। मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों और दुर्गम पहाड़ी इलाके ने बचाव अभियान को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया था।
सेना का त्वरित बचाव अभियान: जैसे ही सेना को तीर्थयात्रियों के फंसे होने की सूचना मिली, उन्होंने तुरंत अपनी बचाव टीमों को सक्रिय कर दिया। सेना के जवान, खराब मौसम और खतरनाक भूभाग की परवाह किए बिना, फंसे हुए लोगों तक पहुंचे। उन्होंने न केवल तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, बल्कि उन्हें भोजन, पानी और प्राथमिक चिकित्सा भी प्रदान की।
सेना ने अस्थायी शिविर भी स्थापित किए जहां तीर्थयात्रियों को आश्रय दिया गया, जब तक कि मार्ग साफ नहीं हो गया और यात्रा फिर से शुरू करने के लिए सुरक्षित नहीं हो गई। यह अभियान भारतीय सेना की मानवीय प्रतिबद्धता और नागरिक सहायता कार्यों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
अमरनाथ यात्रा, जो हर साल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, हिमालय के दुर्गम इलाकों से होकर गुजरती है, जहाँ मौसम कभी भी बदल सकता है। ऐसे में भारतीय सेना, एनडीआरएफ (NDRF) और अन्य सुरक्षा बल हमेशा सतर्क रहते हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों की जान बचाई जा सके। इस घटना ने एक बार फिर सेना के असाधारण साहस और कर्तव्यनिष्ठा को उजागर किया है।
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