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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक और बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है. अमेरिकी सैटेलाइट कंपनी 'ब्लूबर्ड' के साथ मिलकर इसरो इस साल के अंत तक एक भारी-भरकम सैटेलाइट को लॉन्च करने जा रहा है. यह मिशन न सिर्फ भारत-अमेरिका के बीच अंतरिक्ष में बढ़ते सहयोग का प्रतीक है, बल्कि इसरो की बढ़ती ताकत का भी सबूत है.

सबसे भारी कमर्शियल सैटेलाइट में से एक

इसरो के चेयरमैन, डॉ. वी. नारायणन ने बताया कि अमेरिका की कंपनी AST SpaceMobile द्वारा बनाया गया 'ब्लूबर्ड-6' सैटेलाइट लॉन्च के लिए भारत पहुंच चुका है. यह एक संचार उपग्रह है और इसका वजन लगभग 6.5 टन (6,500 किलोग्राम) है, जो इसे अब तक के सबसे भारी कमर्शियल सैटेलाइट्स में से एक बनाता है.

'बाहुबली' रॉकेट करेगा लॉन्च: इस विशाल सैटेलाइट को अंतरिक्ष तक ले जाने का जिम्मा इसरो के सबसे शक्तिशाली रॉकेट, LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3) को सौंपा गया है. इसे 'बाहुबली' रॉकेट के नाम से भी जाना जाता है और यही वो रॉकेट है जिसने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद की ओर रवाना किया था. यह लॉन्च श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा.

भारत पर बढ़ता भरोसा: यह मिशन भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. अमेरिका जैसे देश का अपनी भारी-भरकम और कीमती सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए इसरो पर भरोसा जताना, यह साबित करता है कि भारत आज दुनिया में एक बड़ी अंतरिक्ष शक्ति बन चुका है. इससे पहले जुलाई में भी इसरो ने नासा के साथ मिलकर NISAR सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था.

डॉ. नारायणन ने बताया कि सैटेलाइट मिल चुका है और लॉन्च की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. उन्होंने कहा, "हम इस साल के अंत तक इस मिशन को पूरा करने का लक्ष्य बना रहे हैं." लॉन्च की सटीक तारीख की घोषणा प्रधानमंत्री उचित समय पर करेंगे.

यह मिशन आत्मनिर्भर भारत की उस उड़ान का प्रतीक है, जो अब सिर्फ देश की सीमाओं तक ही सीमित नहीं, बल्कि अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को भी छू रही है.