Up Kiran, Digital Desk: अक्सर हममें से कई लोगों को हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप के बारे में पता होता है, पर क्या आपने कभी सोचा है कि कम रक्तचाप यानी लो ब्लड प्रेशर (Hypotension) भी एक समस्या हो सकती है? हममें से कई लोग शायद इसके लक्षणों को सामान्य कमज़ोरी या थकावट मानकर अनदेखा कर देते हैं. लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि लो ब्लड प्रेशर भी कई बार चिंता का विषय बन सकता है और अगर इसे समय रहते न पहचाना जाए तो कुछ स्थितियों में यह गंभीर भी हो सकता है.
आपके खून का दबाव सामान्य से नीचे चला जाए तो इसे लो ब्लड प्रेशर कहते हैं. ज़्यादातर लोगों के लिए, 90/60 mmHg या इससे कम के दबाव को लो ब्लड प्रेशर माना जाता है. ज़रूरी नहीं कि हर कम दबाव वाली स्थिति ख़तरनाक हो, लेकिन कुछ खास लक्षणों के साथ अगर ऐसा हो तो अलर्ट होने की ज़रूरत है. चलिए, आज उन संकेतों, कारणों और यह जानने पर बात करते हैं कि कब आपको डॉक्टर के पास भागना चाहिए.
लो ब्लड प्रेशर के 6 आम संकेत:
चक्कर आना और सिर हल्का महसूस होना: जब आप अचानक खड़े होते हैं या लंबे समय तक खड़े रहते हैं तो ऐसा महसूस हो सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दिमाग तक खून का बहाव कम हो जाता है.
थकान और कमज़ोरी: सामान्य से ज़्यादा थकान महसूस होना और शरीर में कमज़ोरी का एहसास होना लो ब्लड प्रेशर का एक सामान्य लक्षण है.
आँखों के सामने अंधेरा छाना या धुंधला दिखना: कभी-कभी आप बिस्तर से उठते समय या झुककर कुछ उठाते समय अपनी आँखों के सामने अँधेरा छाते हुए या धुंधला दिखते हुए महसूस कर सकते हैं.
बेहोशी या अचानक गिर जाना: यह सबसे गंभीर लक्षणों में से एक है. अगर ब्लड प्रेशर बहुत ज़्यादा गिर जाता है, तो दिमाग तक खून न पहुंचने के कारण व्यक्ति बेहोश हो सकता है.
उल्टी या मतली जैसा महसूस होना: कुछ लोगों को लो ब्लड प्रेशर होने पर उल्टी आने का एहसास या जी मिचलाने जैसी शिकायत हो सकती है.
पानी की ज़्यादा प्यास या त्वचा का ठंडा और चिपचिपा होना: यह निर्जलीकरण (Dehydration) का संकेत हो सकता है, जो लो ब्लड प्रेशर का एक बड़ा कारण है. त्वचा का ठंडा और चिपचिपा होना यह बताता है कि शरीर ठीक से काम नहीं कर रहा है.
लो ब्लड प्रेशर के मुख्य कारण:
डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी): पर्याप्त पानी न पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे ब्लड वॉल्यूम घटता है और प्रेशर कम हो जाता है.
खून की कमी: चोट लगने, अंदरूनी ब्लीडिंग या मासिक धर्म में ज़्यादा खून बह जाने से भी ब्लड प्रेशर गिर सकता है.
दिल से जुड़ी समस्याएँ: कमज़ोर दिल, दिल के वाल्व की समस्याएँ या दिल की धड़कन का असामान्य होना ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है.
कुछ दवाएँ: कुछ ख़ास तरह की दवाएँ, जैसे दिल की बीमारी, डिप्रेशन या मूत्रवर्धक दवाएँ (diuretics) भी ब्लड प्रेशर को कम कर सकती हैं.
एंडोक्राइन समस्याएँ: थायरॉयड ग्रंथि या एड्रेनल ग्रंथि से जुड़ी दिक्कतें भी लो ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती हैं.
गंभीर इन्फेक्शन या एलर्जी: शरीर में गंभीर संक्रमण (सेप्टिक शॉक) या एलर्जी (एनाफिलेक्सिस) के कारण ब्लड प्रेशर अचानक बहुत नीचे गिर सकता है.
गर्भावस्था: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ती है, जिससे ब्लड वेसेल्स फैल जाती हैं और ब्लड प्रेशर थोड़ा कम हो सकता है, जो आमतौर पर सामान्य होता है.
आपको कब डॉक्टर से मिलना चाहिए (कब हो जाएं सावधान)?
अगर आपको लो ब्लड प्रेशर के ऊपर बताए गए लक्षण लगातार महसूस हो रहे हैं और आपकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है, तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें. खासकर अगर आपको अचानक या बार-बार बेहोशी आ रही है, सीने में दर्द है, साँस लेने में दिक्कत हो रही है, तेज़ी से धड़कन चल रही है या बहुत ज़्यादा भ्रम की स्थिति है तो बिना देर किए इमरजेंसी सहायता लें. ऐसी स्थिति में खुद कोई घरेलू उपाय करने के बजाय फौरन विशेषज्ञ सलाह लेना ही बेहतर है. डॉक्टर आपके लक्षणों और स्वास्थ्य इतिहास की जांच करके सही निदान और उपचार बता पाएंगे.




