थाना कूमकलां के तहत गांव चौंता, जो गोरों की राजधानी के नाम से मशहूर है। यहां के नशा तस्करों ने एक और युवक गुरमेल सिंह निवासी भैणी साहिब की जान ले ली। भैणी साहिब निवासी गुरचरण सिंह ने पुलिस को बयान दर्ज कराया कि उसके 2 बेटे गंगा सिंह और गुरमेल सिंह नशे के आदी हैं और अक्सर घर पर ही रहते हैं। शाम लगभग पांच बजे मेरे ये दोनों लड़के घर से बाहर गए और मुझे संदेह हुआ कि ये दोनों नशा करने गए होंगे.
जिस पर मैं उनकी तलाश में निकल पड़ा। इसी दौरान जब वो गढ़ी भैणी से गांव रतनगढ़ रोड की ओर गया तो उसने देखा कि सड़क के बाई ओर लगभग 8-9 लड़के मेरे दो लड़कों गंगा सिंह और गुरमेल सिंह को पकड़े हुए थे और जब मैंने शोर मचाया तो वो वहां से भाग गए। जब वह मौके पर गया तो देखा कि उसके बेटे गुरमेल सिंह की दाहिनी बाजू में नशे की सीरिंज लगी हुई थी, जिसे उसने उतार दिया।
एक गवाह ने बताया कि जब वह अपने दो बेटों के साथ घर गया तो अचानक गुरमेल सिंह की तबीयत खराब हो गई और उसकी नाक से खून बहने लगा और वह उसे डॉक्टर के पास ले जा रहा था कि उसकी मौत हो गई।
मुखबिर के अनुसार, उनके बेटे गुरमेल सिंह की मौत शीलू, गुरप्रीत उर्फ गोपी, जोगिंदर सिंह, बलविंदर कौर, कुलवंत सिंह, मुक्चा सिंह और अन्य पांच अंजान लोगों और महिलाओं द्वारा जबरन नशीली दवा देने के कारण हुई।
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