
pithoragarh news: उत्तराखंड के किच्छा में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने धनौड़ा गांव को शोक की गहरी खाई में धकेल दिया है। मानस एकेडमी की टीचर बबीता पटियाल की इस हादसे में मौत हो गई, जिससे उनके परिवार और पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया है।
बबीता के दो मासूम बच्चे 10 साल का बेटा वंश और 4 साल की बेटी वंशिका अब अनाथ हो गए हैं। सवेरे घर से निकलते वक्त मां ने बच्चों से जल्दी लौटने का वादा किया था, मगर नियति को कुछ और मंजूर था। अब ये बच्चे मानस एकेडमी में कक्षा पांच और केजी में पढ़ते हैं, इस बात से अनजान हैं कि उनकी मां की आवाज अब कभी उनके कानों तक नहीं पहुंचेगी।
जानकारी के मुताबिक, धनौड़ा निवासी बबीता पटियाल अपने पति विजेंद्र पटियाल के साथ मुरादाबाद के लिए रवाना हुई थीं। उनके भाई का कुछ दिन पहले निधन हो गया था और वह पीपलपानी के लिए जा रही थीं। उनके साथ कार में वड्डा निवासी चाचा-चाची भुवन चंद्र और चंद्रकला चौसाली, साथ ही अशोक लाल साह भी सवार थे। ये यात्रा उस वक्त मातम में बदल गई, जब पुलभट्टा थाना क्षेत्र के शंकर फार्म के पास उनकी कार अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरी। दुर्घटना में बबीता की मौके पर ही मौत हो गई। तो वहीं अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार की स्पीड तेज थी और संभवतः चालक का नियंत्रण खो गया। नहर में गिरते ही कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। स्थानीय लोगों ने आनन फानन पुलिस को सूचना दी और राहत कार्य शुरू हुआ मगर बबीता को बचाया नहीं जा सका। घायलों को फौरन नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से विजेंद्र पटियाल की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें दिल्ली रेफर कर दिया गया। अन्य घायलों का इलाज जारी है। बबीता का शव पोस्टमार्टम के बाद पिथौरागढ़ लाया जा रहा है, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।
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