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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय खेल प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने घोषणा की है कि राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया है। इस विधेयक को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA), विभिन्न राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSFs) और यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय खेल महासंघों से मिले इनपुट और सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है।

यह विधेयक भारतीय खेलों के प्रशासन को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और कुशल बनाने के उद्देश्य से लाया जा रहा है। इसका मुख्य लक्ष्य देश में खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना और खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करना है। यह सुनिश्चित करेगा कि खेल निकायों में उचित चुनाव हों, वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता हो और एथलीटों को बेहतर सुविधाएं मिलें।

विधेयक की मुख्य विशेषताएं :

जवाबदेही और पारदर्शिता: खेल संघों के कामकाज में अधिक स्पष्टता लाने के लिए कड़े नियम बनाए जाएंगे।

सुशासन: खेल निकायों के भीतर सुशासन (Good Governance) सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश स्थापित किए जाएंगे।

चुनाव प्रक्रिया में सुधार: निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रियाओं को लागू किया जाएगा ताकि योग्य लोग नेतृत्व में आ सकें।

एथलीटों का कल्याण: खिलाड़ियों के अधिकारों, सुरक्षा और कल्याण को प्राथमिकता दी जाएगी, जिसमें डोपिंग विरोधी उपाय भी शामिल होंगे।

वित्तीय प्रबंधन: खेल संघों द्वारा धन के उपयोग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।

विवाद समाधान तंत्र: खेल से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए एक प्रभावी तंत्र स्थापित किया जाएगा।

मनसुख मंडाविया ने बताया कि इस विधेयक को विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद अंतिम रूप दिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह भारतीय खेलों की विशिष्ट आवश्यकताओं और अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप है। इस विधेयक का पारित होना भारतीय खेलों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा और खेल प्रशासन के एक नए युग की शुरुआत करेगा।

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