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उत्तराखंड में पेपर लीक कांड को लेकर सख्त नकल विरोधी कानून (anti-copying law) फरमान जारी किया गया है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बीते कल को उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा अध्यादेश 2023 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सरकार को उम्मीद है कि इससे भविष्य में नकल करने व कराने वालों की घटनाओं पर रोक लगेगी।

इस अधिनियम के अनुसार यदि कोई भी प्रिंटिंग प्रेस, कोचिंग संस्थान या प्रबंधन नकल करता पाया जाता है तो आजीवन कारावास के साथ-साथ 10 करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति संगठित तरीके से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ मिलकर साजिश करता है तो उसके लिए भी सजा का प्रावधान किया गया है।

नकल करने पर 10 साल की कैद, 10 लाख जुर्माना

प्रतियोगी परीक्षा अध्यादेश 2023 के लागू होने के बाद नकल करते पकड़े गए छात्र को तीन वर्ष तक की कैद और पांच लाख तक का जुर्माना हो सकता है। यदि प्रतियोगी फिर पकड़ा जाता है तो उसे कम से कम दस वर्ष की जेल और 10 लाख का जुर्माना हो सकता है. साथ ही एग्जाम के दौरान नामुनासिब उपकरणों का इस्तेमाल करते पाए जाने पर प्राप्त उपकरणों को जब्त कर लिया जाएगा।

 

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