img

Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद, विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अब 'गुणवत्ता' को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। हाल ही में, वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी चल रही और नई परियोजनाओं में काम की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी स्तर पर कोई समझौता न हो।

यह निर्देश सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं कि जनता के पैसे का सही इस्तेमाल हो और उन्हें टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाएं मिलें। अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वे केवल परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित न करें, बल्कि उनकी गुणवत्ता और दीर्घकालिक उपयोगिता पर भी समान जोर दें।

क्यों है गुणवत्ता पर जोर जरूरी?अतीत में कई बार देखा गया है कि विभिन्न परियोजनाओं में निम्न गुणवत्ता के काम के कारण जनता के पैसे का नुकसान होता है और परियोजनाएं अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर पातीं। सड़कें, पुल, भवन या अन्य बुनियादी ढांचे, यदि गुणवत्तापूर्ण नहीं बनते, तो वे जल्दी खराब हो जाते हैं और जनता को दोबारा उन्हीं समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए, नई सरकार ने इस पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है।

नियमित निरीक्षण: सभी परियोजनाओं का नियमित और कठोर निरीक्षण किया जाए, चाहे वह निर्माण के किसी भी चरण में हो।

सामग्री की गुणवत्ता: यह सुनिश्चित किया जाए कि निर्माण में उपयोग की जाने वाली सभी सामग्री उच्चतम गुणवत्ता की हो।

तकनीकी मानकों का पालन: सभी इंजीनियरिंग और तकनीकी मानकों का सख्ती से पालन किया जाए।

जवाबदेही: किसी भी स्तर पर गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी और ठेकेदार को जवाबदेह ठहराया जाए और उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

पारदर्शिता: परियोजनाओं के क्रियान्वयन में पूरी पारदर्शिता बरती जाए।

सरकार का यह कदम न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार लाएगा, बल्कि भ्रष्टाचार को कम करने और सार्वजनिक विश्वास को बढ़ाने में भी मदद करेगा। यह आंध्र प्रदेश को एक मजबूत और टिकाऊ विकास पथ पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

--Advertisement--