
मालदीव ने बांग्लादेश के बाद इजरायली नागरिकों के पासपोर्ट पर बैन लगाकर इजरायल को झटका दिया है। बीते कल को मालदीव की संसद ने फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इजरायली लोगों के देश में प्रवेश पर रोक लगाने का प्रस्ताव पारित किया, जिसे राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने तुरंत मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि ये फैसला इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी नागरिकों पर किए जा रहे जुल्म के विरुद्ध सहानुभूति और समर्थन का प्रतीक है।
मालदीव पर्यटन पर निर्भर एक द्वीपीय राष्ट्र है। तो वहीं इस प्रतिबंध से आर्थिक नुकसान की आशंका कम है, क्योंकि फरवरी 2024 में आए 2.14 लाख पर्यटकों में केवल 59 इजरायली थे। मालदीव और इजरायल के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से विवादित रहे हैं। हालांकि 1965 में मालदीव की आजादी के समय इजरायल ने इसे मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था।
राष्ट्रपति मुइज्जू के कार्यालय ने इस फैसले के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि मालदीव सरकार इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी लोगों पर किए जा रहे जुल्मों से गहरी चिंता में है। ये प्रतिबंध फिलिस्तीनी नागरिकों के प्रति हमारी सहानुभूति और एकजुटता का प्रतीक है। ये बयान मालदीव की इस्लामिक पहचान और फिलिस्तीन के प्रति उसकी लंबे समय से चली आ रही नीति को दर्शाता है। मालदीव ने इस फैसले के जरिए वैश्विक मंच पर फिलिस्तीन के पक्ष में अपनी आवाज को और बुलंद किया है।