
Up Kiran, Digital Desk: विश्व ऑटिस्टिक प्राइड डे (Autistic Pride Day) सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण दिन है जो न्यूरोडायवर्सिटी (neurodiversity) और ऑटिज्म स्पेक्ट्रम पर व्यक्तियों की अनूठी ताकत और योगदान का जश्न मनाता है। यह दिन ऑटिस्टिक व्यक्तियों को स्वयं होने और अपनी पहचान पर गर्व करने के लिए सशक्त बनाता है। एक डॉक्टर के दृष्टिकोण से, इस दिन का महत्व केवल जागरूकता से कहीं अधिक है; यह स्वीकृति, समावेश और सशक्तिकरण का प्रतीक है।
ऑटिस्टिक प्राइड डे का महत्व (एक डॉक्टर के अनुसार):
न्यूरोडायवर्सिटी को बढ़ावा देना (Promoting Neurodiversity): यह दिन इस विचार को पुष्ट करता है कि ऑटिज्म कोई 'दोष' या 'बीमारी' नहीं है जिसे ठीक करने की आवश्यकता है, बल्कि यह मानव मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में एक स्वाभाविक भिन्नता है। यह न्यूरोडायवर्सिटी के दर्शन को बढ़ावा देता है, जो सभी प्रकार के दिमागों को महत्व देता है।
आत्म-स्वीकृति और गर्व (Self-Acceptance and Pride): ऑटिज्म से ग्रस्त व्यक्तियों को अक्सर समाज से भेदभाव और गलतफहमी का सामना करना पड़ता है। ऑटिस्टिक प्राइड डे उन्हें अपनी पहचान पर गर्व करने, अपने अनुभवों को साझा करने और यह महसूस करने के लिए प्रोत्साहित करता है कि वे अकेले नहीं हैं।
सकारात्मक प्रतिनिधित्व (Positive Representation): यह दिन ऑटिज्म के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह ऑटिस्टिक व्यक्तियों की अद्वितीय प्रतिभाओं, क्षमताओं और योगदानों को उजागर करता है, बजाय इसके कि केवल उनकी चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
कलंक को तोड़ना (Breaking Stigma): जागरूकता के माध्यम से, यह दिन ऑटिज्म से जुड़े कलंक और रूढ़ियों को तोड़ने में मदद करता है। यह समाज को ऑटिज्म को बेहतर ढंग से समझने और उसका सम्मान करने के लिए प्रेरित करता है।
समावेशी वातावरण बनाना (Creating Inclusive Environments): ऑटिस्टिक प्राइड डे समाज और संस्थानों को ऑटिस्टिक व्यक्तियों की जरूरतों को समझने और उनके लिए अधिक समावेशी वातावरण बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है – चाहे वह शिक्षा, कार्यस्थल या सामुदायिक सेटिंग में हो।
वकालत और अधिकार (Advocacy and Rights): यह दिन ऑटिस्टिक व्यक्तियों के अधिकारों की वकालत करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, जिसमें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक भागीदारी में समान अवसर शामिल हैं।
यह दिन ऑटिज्म को समझने के तरीके में एक बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है – कमी-आधारित मॉडल से ताकत-आधारित मॉडल तक। यह हमें याद दिलाता है कि विविधता हमारी सबसे बड़ी ताकत है, और हर व्यक्ति, चाहे उसकी न्यूरोलॉजिकल वायरिंग कैसी भी हो, समाज में मूल्यवान योगदान दे सकता है। ऑटिस्टिक प्राइड डे सभी को ऑटिज्म स्पेक्ट्रम पर व्यक्तियों का सम्मान करने और उनके अद्वितीय दृष्टिकोण को महत्व देने के लिए प्रोत्साहित करता है।
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