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Up Kiran, Digital Desk: भारत में औद्योगिक और वेयरहाउसिंग क्षेत्र में एक ज़बरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। इस सेक्टर में ज़मीन और जगह की मांग अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई है, जिससे यह क्षेत्र निवेश के लिए एक बेहद आकर्षक विकल्प बन गया है। यह तेजी देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था, ई-कॉमर्स की वृद्धि और विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र में आ रहे उछाल का सीधा परिणाम है।

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' जैसी पहल और 'उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन' (PLI) योजनाओं ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया है, जिससे फैक्ट्रियों और भंडारण के लिए जगह की मांग बढ़ी है। इसके साथ ही, ऑनलाइन शॉपिंग का प्रचलन बढ़ने से ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने उत्पादों को स्टोर करने और वितरित करने के लिए विशाल वेयरहाउसों की आवश्यकता हो रही है।

ई-कॉमर्स बूम: ऑनलाइन खरीदारी में तेजी से वृद्धि के कारण लॉजिस्टिक्स और भंडारण की आवश्यकता बढ़ी है।

विनिर्माण का विस्तार: सरकार की नीतियों से प्रेरित होकर घरेलू और विदेशी कंपनियाँ भारत में अपने उत्पादन आधार का विस्तार कर रही हैं।

तीसरी पार्टी लॉजिस्टिक्स (3PL): कंपनियाँ अपने भंडारण और वितरण को संभालने के लिए 3PL प्रदाताओं पर निर्भर करती हैं, जिससे वेयरहाउसिंग की मांग बढ़ती है।

बुनियादी ढाँचे में सुधार: सड़क और रेल नेटवर्क के विस्तार से लॉजिस्टिक्स आसान और कुशल हो रहे हैं।

यह बढ़ती मांग न केवल रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए अवसर पैदा कर रही है, बल्कि यह क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ा रही है। औद्योगिक और वेयरहाउसिंग सेक्टर का यह उछाल भारत को वैश्विक विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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