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Up Kiran, Digital Desk: आजकल हमारी ज़िंदगी तेज़ भागती है और अनिश्चितताओं से भरी है. ऐसे में अपनों के लिए और अपने भविष्य के लिए सही योजना बनाना बहुत ज़रूरी है. इस बीच, बीमा (Insurance) की दुनिया से एक बहुत अच्छी ख़बर आ रही है. भारत अब सिर्फ़ सामान्य टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance) लेने के बजाय, एक 'संपूर्ण' यानी 'होलिस्टिक टर्म इंश्योरेंस' (Holistic Term Insurance Protection) की ओर बढ़ रहा है! इसका मतलब ये है कि लोग अब सिर्फ़ जीवन की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और भविष्य की हर तरह की संभावित समस्याओं से बचने के लिए बीमा ले रहे हैं.

क्या है यह 'संपूर्ण सुरक्षा' वाली टर्म इंश्योरेंस?

पहले टर्म इंश्योरेंस का मतलब था कि अगर पॉलिसीधारक की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो जाए, तो परिवार को पैसे मिलते थे. लेकिन अब लोग 'राइडर' (Riders) के साथ पॉलिसी ले रहे हैं. राइडर ऐसी छोटी-छोटी अतिरिक्त सुविधाएँ होती हैं जिन्हें आप अपनी मूल पॉलिसी के साथ जोड़कर अपनी सुरक्षा को और मज़बूत बना सकते हैं.

दक्षिण भारत बना रहा है मिसाल!

इस बदलाव में सबसे आगे निकलकर आया है हमारा दक्षिण भारत! वहाँ 'राइडर्स' लेने वालों की संख्या दुगुनी (2X) हो गई है. ख़ासकर 'वेवर ऑफ़ प्रीमियम' (Waiver of Premium - WoP) और 'क्रिटिकल इलनेस राइडर' (Critical Illness Riders) बहुत ज़्यादा पसंद किए जा रहे हैं. दक्षिण भारतीय राज्यों जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के लोग स्वास्थ्य के प्रति ज़्यादा जागरूक दिख रहे हैं और भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को लेकर भी काफी सक्रिय हैं.

WoP और क्रिटिकल इलनेस राइडर्स क्यों बन रहे हैं लोकप्रिय?

  1. वेवर ऑफ़ प्रीमियम (WoP) की तेज़ बढ़त (425% तक!): सोचिए ज़रा, अगर आप बीमार पड़ जाएं या कोई दुर्घटना हो जाए और आप प्रीमियम न भर पाएं? WoP राइडर आपकी उस मुश्किल समय में मदद करता है. यह आपकी कुछ खास परिस्थितियों में बीमा के अगले प्रीमियम को माफ़ कर देता है, लेकिन पॉलिसी फिर भी चलती रहती है. इसका चुनाव करने वाले लोग अब 425% तक बढ़ गए हैं! यह दिखाता है कि लोग अब अपनी वित्तीय मुश्किलों के लिए भी तैयार रहना चाहते हैं.
  2. क्रिटिकल इलनेस राइडर्स (गंभीर बीमारियों का कवच): आजकल दिल की बीमारी, कैंसर या किडनी की समस्याएँ बहुत तेज़ी से बढ़ रही हैं. 'क्रिटिकल इलनेस राइडर' आपको ऐसी गंभीर बीमारियों का पता लगने पर एक मुश्त रकम देता है. यह पैसा आपके इलाज और परिवार की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है. यह ख़ासकर महिलाओं (Women) के बीच और ज़्यादा बीमा राशि (Higher Sum Assured) लेने वालों में काफ़ी लोकप्रिय हो रहा है. यह दिखाता है कि महिलाएँ अपनी स्वास्थ्य और वित्तीय सुरक्षा को लेकर अब कितनी जागरूक हो रही हैं.

यह एक बहुत ही अच्छी बात है कि भारतीय, ख़ासकर दक्षिण भारतीय, अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर ज़्यादा जागरूक हो रहे हैं. अब बीमा को सिर्फ एक टैक्स बचाने का ज़रिया नहीं, बल्कि जीवन की मुश्किल घड़ियों में एक भरोसेमंद साथी के रूप में देखा जा रहा है.