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Up Kiran, Digital Desk: जब भी बात अंतरिक्ष और उसमें छुपे रहस्यों की आती है, तो हमारे देश के वैज्ञानिक किसी से पीछे नहीं रहते! भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक ऐसा अद्भुत और दुर्लभ नज़ारा कैद किया है, जिसे सुनकर आपको भी गर्व महसूस होगा. उन्होंने राजस्थान के माउंट आबू (Mount Abu, Rajasthan) स्थित ऑब्जर्वेटरी से '3I/एटलस' (3I/Atlas) नामक एक बहुत ही अनोखे अंतरतारकीय धूमकेतु (Interstellar Comet) की तस्वीर ली है और उसकी गति का अध्ययन किया है! यह कोई सामान्य बात नहीं है, क्योंकि ऐसा धूमकेतु हमारे सौरमंडल (Solar system) के बाहर से आया है और इसने पूरी दुनिया के खगोलविदों (Astronomers) का ध्यान खींचा हुआ है.

तो आखिर ये 3I/एटलस क्या है और क्यों ये इतना ख़ास है?

इसे आसान भाषा में समझते हैं. आपने धूमकेतु तो सुने होंगे, जो हमारी सूरज के चारों ओर घूमते हैं. लेकिन 'अंतरतारकीय धूमकेतु' वे होते हैं जो किसी और तारे के सौरमंडल से भटककर हमारी ओर आ गए हों!

  1. दुर्लभ मेहमान: '3I/एटलस' कोई सामान्य धूमकेतु नहीं, यह हमारे सौरमंडल का निवासी नहीं है. यह अरबों किलोमीटर दूर किसी और ग्रह प्रणाली से होते हुए हमारे पास पहुंचा है. इसे 'आई' (I) इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह 'इंटरस्टेलर' यानी अंतरतारकीय है. ऐसा मेहमान अंतरिक्ष में कभी-कभार ही देखने को मिलता है!
  2. माउंट आबू से देखी गई झलक: ISRO के वैज्ञानिकों ने इस दुर्लभ धूमकेतु को माउंट आबू में स्थित इंफ्रारेड टेलिस्कोप (Infrared Telescope) और अन्य शक्तिशाली दूरबीनों (Powerful telescopes) की मदद से देखा और उसके डेटा को रिकॉर्ड किया है.
  3. वैज्ञानिकों के लिए बड़ी बात: इस धूमकेतु का अध्ययन करके वैज्ञानिक यह समझ पाएंगे कि हमारे सौरमंडल के बाहर की ग्रह प्रणालियां (Exoplanetary systems) कैसी बनी होंगी और वहां पर पानी या अन्य चीज़ों का क्या स्वरूप है. यह हमें ब्रह्मांड के जन्म और विकास के बारे में और ज़्यादा जानकारी देगा.

इसरो की यह उपलब्धि क्यों है महत्वपूर्ण?

भारत के वैज्ञानिक अब सिर्फ चाँद या मंगल मिशन तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे गहरे अंतरिक्ष (Deep space observation) में होने वाली खगोलीय घटनाओं पर भी पैनी नज़र रख रहे हैं. यह न सिर्फ़ ISRO की उन्नत तकनीक और वैज्ञानिकों की क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह बताता है कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान (Space science India) में कितना आगे बढ़ चुका है.

तो, अगली बार जब आप तारों भरे आसमान को देखें, तो यह सोचकर गर्व महसूस करें कि हमारे वैज्ञानिक अरबों किलोमीटर दूर से आने वाले ऐसे अनोखे मेहमानों पर भी नज़र रख रहे हैं, जो हमें ब्रह्मांड के बारे में नए-नए राज़ बता सकते हैं!