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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'स्वदेशी' को लेकर एक ऐसी बात कही है, जो अब पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है. उन्होंने कहा है कि अब हर भारतीय को 'स्वदेशी' को अपने जीवन का मंत्र बना लेना चाहिए. लेकिन इस बार उन्होंने स्वदेशी की परिभाषा को एक नया और बड़ा रूप दिया है.

अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि उनकी नज़र में स्वदेशी का मतलब बहुत सीधा और सरल है. उन्होंने कहा, "मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि पैसा किसका लगा है, चाहे वो डॉलर हो या पाउंड. लेकिन उस पैसे से जो भी चीज बन रही है, उसमें पसीना मेरे देशवासियों का होना चाहिए. उस उत्पाद में मेरे देश की मिट्टी की महक होनी चाहिए.

विदेशी कंपनी भी हुई 'स्वदेशी'

प्रधानमंत्री मारुति सुजुकी के गुजरात प्लांट में देश की पहली इलेक्ट्रिक गाड़ी, ई-विटारा को हरी झंडी दिखाने पहुंचे थे. यह गाड़ी भारत में बनी है और दुनिया के 100 से ज़्यादा देशों में भेजी जाएगी. इसी मौके पर उन्होंने कहा कि इस परिभाषा से तो मारुति सुजुकी भी एक स्वदेशी कंपनी है. क्योंकि भले ही इसमें जापान का निवेश हो, लेकिन इसे बनाने में मेहनत और कारीगरी भारतीयों की है.

उनका यह बयान सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल को और मजबूती देता है.पीएम ने बताया कि 'मेक इन इंडिया' की वजह से आज देश और विदेश की कंपनियों को भारत में काम करने का अच्छा माहौल मिला है.आज भारत में बनी चीजें गर्व के साथ पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना रही हैं.

देशवासियों से एक सीधी अपील

पीएम मोदी ने देश के लोगों से सीधे तौर पर अपील करते हुए कहा कि हमें गर्व के साथ स्वदेशी को अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार होगा जब देश का हर नागरिक स्थानीय उत्पादों को खरीदेगा और उन्हें बढ़ावा देगा. उन्होंने व्यापारियों से भी आग्रह किया कि वे अपनी दुकानों पर गर्व से लिखें - 'यहाँ स्वदेशी सामान मिलता है'.

यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. प्रधानमंत्री का संदेश साफ है - जब देश का हर नागरिक स्थानीय उत्पादों को अपनी शान समझेगा, तो भारत को आत्मनिर्भर बनने से कोई नहीं रोक सकता.