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Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अमरनाथ यात्रियों पर हुए दुखद आतंकी हमले ने एक बार फिर घाटी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना के बाद, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर सीधे तौर पर निशाना साधा है। उन्होंने इसे सुरक्षा में "बड़ी चूक" और "संस्थागत विफलता" बताया है, और इस मामले में जवाबदेही तय करने की मांग की है।

उमर अब्दुल्ला ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, "यह हमला ऐसे समय हुआ है जब सरकार लगातार दावा कर रही थी कि घाटी में शांति लौट आई है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। अगर वाकई ऐसा है, तो अमरनाथ यात्रा के मार्ग पर, जो कि बेहद संवेदनशील माना जाता है, ऐसा हमला कैसे हो गया? यह सीधे-सीधे सुरक्षा तंत्र की कमजोरी को दर्शाता है।" उन्होंने गृह मंत्री और केंद्र सरकार की इस घटना पर चुप्पी पर भी सवाल उठाए।

दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस हमले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और सरकार के बचाव में उतर आई है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने उमर अब्दुल्ला के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "पहलगाम की घटना एक अलग-थलग घटना है और इसे घाटी की पूरी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। हमारे सुरक्षा बल पूरी तरह से मुस्तैद हैं और आतंकियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।"

चुग ने आगे कहा कि सुरक्षा बलों ने त्वरित कार्रवाई की है और दोषियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

इस हमले के बाद जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था पर बहस एक बार फिर तेज हो गई है। एक तरफ जहां विपक्ष सुरक्षा चूक को लेकर सरकार को घेर रहा है, वहीं सत्ता पक्ष इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताते हुए सुरक्षा बलों की तैयारियों का बचाव कर रहा है।

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