Absolute poverty: भारत के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने दावा किया है कि गरीबी भारत में लगभग खत्म हो चुकी है। उनके मुताबिक, वर्ल्ड बैंक के मानकों के आधार पर यदि मापा जाए तो भारत में अब गीरीब ना के बराबर पहुंच गई है।
नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि 2007-09 के बीच भारत में पूर्ण गरीबी का स्तर 12.2% था, जो अब घटकर लगभग 1% रह गया है। उन्होंने इसे पिछले 50 सालों की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आय वितरण (इनकम डिस्ट्रिब्यूशन) की असमानता बढ़ी है, जिसका प्रभाव समाज के कुछ वर्गों पर अब भी दिख रहा है। नीति आयोग के अनुसार, जो 1% आबादी अभी भी गरीबी से बाहर नहीं आई है, वे मुख्य रूप से दूरदराज के इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं। विरमानी का कहना है कि अब जरूरत है कि सरकार ऐसे व्यक्तियों की पहचान कर उनके लिए विशेष नीति बनाए।
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, कोई व्यक्ति यदि $1.9 (करीब ₹157) प्रतिदिन से कम कमाता है, तो उसे पूर्ण गरीबी में माना जाता है। भारत में इस स्तर के नीचे आने वाले लोगों की संख्या अब लगभग खत्म हो रही है।
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