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no confidence motion: विपक्षी इंडिया गठबंधन ने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के विरुद्ध उच्च सदन के महासचिव को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा। हालांकि, राज्यसभा में जगदीप धनखड़ के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को लेकर एक बड़ी खबर आई है। विपक्ष के लिए ये करारा झटका है क्योंकि मौजूदा शीतकालीन सत्र में धनखड़ के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता।

अविश्वास प्रस्ताव के बारे में क्या नियम जानें

नियम की माने तो अविश्वास प्रस्ताव के लिए 14 दिन का नोटिस पीरियड जरूरी है और अब शीतकालीन सत्र में सिर्फ 10 दिन बचे हैं। कहा जा रहा है कि मौजूदा सत्र में अविश्वास प्रस्ताव महज एक राजनीतिक स्टंट है।

विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाया

इंडिया अलायंस ने इल्जाम लगाया कि धनखड़ का रवैया पक्षपातपूर्ण है और वो भाजपा का पक्ष लेते हैं। इल्जाम है कि धनखड़ विपक्षी सदस्यों को बोलने नहीं देते। विपक्षी सांसदों के माइक बंद कर दिए जाते हैं और विपक्षी सदस्यों पर बार-बार टिप्पणियां की जाती हैं।

राज्यसभा के चेयरमैन को हटाने के लिए 50 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ नोटिस देना होता है। इसके लिए कम से कम 14 दिन का नोटिस जारी करना जरूरी है। प्रस्ताव को राज्यसभा में साधारण बहुमत से पारित होना चाहिए और राज्यसभा के बाद प्रस्ताव को लोकसभा से भी मंजूरी मिलनी चाहिए। संविधान का आर्टिकल 67 (बी) चेयरमैन को हटाने का अधिकार देता है।

इससे पहले दिन में विपक्षी भारतीय ब्लॉक ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के विरुद्ध उच्च सदन के महासचिव को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा।

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