
Up Kiran, Digital Desk: ब्रिटेन में सत्ता परिवर्तन के बाद, अब सबकी नजरें भारत और यूके के रिश्तों के भविष्य पर टिकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुंबई में ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री, सर कीर स्टारमर, से पहली बार आमने-सामने मुलाकात करने जा रहे हैं। यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिक बैठक नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के आने वाले रिश्तों की दिशा तय करेगी, खासकर उस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के लिए जिसका सबको बेसब्री से इंतजार है।
यह मुलाकात क्यों है इतनी खास?
नए प्रधानमंत्री, नई शुरुआत: सर कीर स्टारमर लेबर पार्टी के नेता हैं, और उनकी सरकार की प्राथमिकताएं पिछली कंजर्वेटिव सरकार से अलग हो सकती हैं। यह पहली मुलाकात दोनों नेताओं को एक-दूसरे की सोच और विजन को समझने का मौका देगी।
FTA पर अटकी हैं सांसें: भारत और ब्रिटेन के बीच एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी थी, लेकिन ब्रिटेन में चुनाव के कारण इस पर ब्रेक लग गया था। अब इस मुलाकात से यह उम्मीद की जा रही है कि FTA पर रुकी हुई बातचीत को फिर से तेज किया जाएगा।
मुंबई में मुलाकात, खास संदेश: यह बैठक दिल्ली के बजाय देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हो रही है, जो अपने आप में एक बड़ा संदेश है। यह दिखाता है कि इस रिश्ते का फोकस अब सिर्फ राजनीति पर नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश और टेक्नोलॉजी पर होगा।
मुलाकात का एजेंडा क्या होगा: मुंबई के प्रतिष्ठित जियो वर्ल्ड सेंटर में होने वाली इस बैठक के दौरान, दोनों नेता दो बड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे:
CEO फोरम: यहां दोनों देशों की बड़ी-बड़ी कंपनियों के CEOs भी मौजूद रहेंगे, जो दिखाता है कि बातचीत का मुख्य एजेंडा बिजनेस और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देना होगा।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट: इसके बाद दोनों प्रधानमंत्री एशिया के सबसे बड़े फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी इवेंट, 'ग्लोबल फिनटेक फेस्ट', के छठे संस्करण को भी संबोधित करेंगे। फिनटेक पर यह फोकस दिखाता है कि भारत और ब्रिटेन भविष्य की डिजिटल इकोनॉमी में मिलकर कैसे काम कर सकते हैं, इस पर भी चर्चा होगी।
यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं चुनौतियों से गुजर रही हैं। ऐसे में, भारत और ब्रिटेन जैसे दो बड़े और ऐतिहासिक सहयोगी देश मिलकर कैसे आगे बढ़ सकते हैं, इस पर पूरी दुनिया की नजरें होंगी। खासकर, अगर FTA पर कोई सकारात्मक संकेत मिलता है, तो यह दोनों देशों के लिए एक 'विन-विन' सिचुएशन होगी।