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Up Kiran, Digital Desk: बॉलीवुड अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने हाल ही में मातृत्व के अपने गहरे अनुभव और अपने बेटे प्रियंक शर्मा के साथ उनके अटूट बंधन पर खुलकर बात की है। उन्होंने मातृत्व को एक ऐसी यात्रा बताया है जो प्रेम, समझ और आत्म-खोज से भरी है।
पद्मिनी के लिए, माँ बनना केवल एक भूमिका नहीं, बल्कि एक परिवर्तनकारी अनुभव रहा है। उन्होंने बताया कि यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें वह लगातार सीखती और बढ़ती हैं, अपने बच्चे के साथ विकसित होती हैं। पद्मिनी ने इस बात पर जोर दिया कि मातृत्व उन्हें हर दिन कुछ नया सिखाता है, और यह उन्हें एक बेहतर इंसान बनाता है।
प्रियंक के साथ उनका बंधन सिर्फ माँ-बेटे का रिश्ता नहीं, बल्कि दोस्ती, आपसी सम्मान और अटूट समर्थन का प्रतीक है। पद्मिनी ने इस बात पर जोर दिया कि प्रियंक ने हमेशा उनके फैसलों का सम्मान किया है और उनके हर कदम पर उनका साथ दिया है। दोनों के बीच की समझ इतनी गहरी है कि कई बार शब्दों की भी ज़रूरत नहीं पड़ती।
उन्होंने बताया कि मातृत्व का सबसे महत्वपूर्ण पहलू बिना शर्त प्यार है। यह वह प्यार है जो जीवन की चुनौतियों को आसान बना देता है और खुशियों को दोगुना कर देता है। पद्मिनी ने खुशी और संतुष्टि की उस भावना को व्यक्त किया जो उन्हें अपने बेटे की हर उपलब्धि को देखकर मिलती है।
पद्मिनी के लिए, मातृत्व एक निरंतर प्रेरणा स्रोत है। वह मानती हैं कि माँ और बच्चे का बंधन समय और दूरी से परे, हमेशा के लिए अटूट रहता है। यह कहानी भारतीय माताओं और उनके बच्चों के बीच के खूबसूरत और गहरे रिश्ते को बखूबी बयां करती है।
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