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Up Kiran,Digital Desk: ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान हवाई हमले कर रहा है, मगर भारत की वायु रक्षा प्रणाली उन्हें नष्ट कर रही है, जिससे पाकिस्तान निराश है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान को झटका दिया है, उसकी महत्वपूर्ण जीवनरेखा काट दी है। अतीत में तनाव के दौरान पाकिस्तान ने हमेशा अमेरिका से मदद मांगी, मगर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद अमेरिका ने उससे दूरी बना ली है।
लेख में 1999 के कारगिल युद्ध का उदाहरण दिया गया है, जब पाकिस्तान ने घुसपैठ की और भारत के जवाबी कार्रवाई की तैयारी के बाद अमेरिका से हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से मिलकर अपने सैनिकों को वापस बुलाने पर सहमति जताई थी।
जानकारों का कहना है कि कारगिल युद्ध से पता चलता है कि पाकिस्तान परमाणु धमकी के बावजूद भारत से युद्ध से बचता है और संकट में अमेरिका या अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर निर्भर रहता है। मगर इस बार अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद करने से इनकार कर दिया है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने कहा है कि यह अमेरिका का काम नहीं है। रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने भी पाकिस्तान की आलोचना की है और भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है।
ये अमेरिका की पिछली भूमिकाओं से अलग है, जब उसने भारत को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया था। रणनीतिकार ब्रह्मा चेलानी के अनुसार, अमेरिका अब भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है। पाकिस्तान के समर्थक देश कम हो गए हैं, जिनमें चीन, तुर्की और अज़रबैजान शामिल हैं, जबकि सऊदी अरब और यूएई जैसे मित्र देशों ने भी भारत का समर्थन किया है।
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