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Bangladesh Pakistan relations: पाकिस्तान की विदेश नीति एक अहम पड़ाव पर है। जहाँ वो अपने पड़ोसियों से दुश्मनी को बढ़ाते हुए बांग्लादेश के साथ करीबी रिश्ते बनाने की कोशिश कर रहा है। हाल के घटनाक्रमों से स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान ने भारत, अफगानिस्तान और ईरान के साथ अपने संबंधों को बिगाड़ लिया है, जबकि बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव को एक अवसर के रूप में देखा है।

पाक के लिए बांग्लादेश का महत्व इस तथ्य में निहित है कि वर्तमान पीएम शेख हसीना के कार्यकाल में बांग्लादेश का झुकाव भारत की ओर रहा है। हालाँकि, मोहम्मद यूनुस के आगमन के बाद बांग्लादेश के भारत के साथ संबंधों में खटास आई है। इस स्थिति का लाभ उठाते हुए पाकिस्तान ने बांग्लादेश के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने के प्रयास शुरू किए हैं। दिसंबर में पाकिस्तान का दूसरा मालवाहक जहाज बांग्लादेश पहुंचा और हाल ही में बांग्लादेश के उच्चायुक्त ने दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने का प्रस्ताव रखा है।

नापाक की इस नई रणनीति का एक मुख्य मकसद भारत को दो मोर्चों पर घेरना है। पाकिस्तान-भारत सीमा के जरिए ISI ड्रग्स और आतंकियों की सप्लाई भारत में करता है, और बांग्लादेश में ISI की बढ़ती उपस्थिति भारत के लिए चिंता का विषय है। हालांकि, पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड यह बताता है कि वह किसी भी देश के साथ लंबे समय तक दोस्ती नहीं कर पाता। 1971 की दुश्मनी का इतिहास इस बात की पुष्टि करता है कि बांग्लादेश के साथ पाकिस्तान की नई दोस्ती कितनी टिकाऊ होगी।

तालिबान से बढ़ता तनाव

भारत के पड़ोसी पाकिस्तान की बांग्लादेश के साथ बढ़ती नजदीकियाँ उसके लिए एक नया संकट भी पैदा कर सकती हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद पाकिस्तान को अपने ही पड़ोसी से खतरा महसूस हो रहा है। तालिबान के साथ पाकिस्तान के संबंधों में तनाव बढ़ता जा रहा है और डूरंड लाइन पर झड़पों की घटनाएँ बढ़ रही हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में तालिबान से दुश्मनी और बांग्लादेश से मित्रता के संबंध में पाक का बुरा हाल होने वाला है।